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पाकिस्‍तान पर मंडरा रहा है FATF से ब्लैक लिस्‍ट होने का खतरा, अगले माह आने वाला है फैसला

Updated Sep 13, 2019 | 10:53 IST

आतंकवाद के वित्‍तपोषण के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण पाकिस्‍तान पर एफएटीएफ से ब्लैक लिस्‍ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इस पर अक्‍टूबर में फैसला आने वाला है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
पहले ही कई तरह की समस्‍याओं से घिरे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
मुख्य बातें
  • पाकिस्‍तान पर अगले माह एफएटीएफ से ब्लैक लिस्‍ट होने का खतरा मंडरा रहा है
  • आतंकवाद और इसके वित्‍तपोषण को लेकर इस्‍लामाबाद FATF के रडार पर है
  • पाकिस्‍तान पहले ही FATF की ग्रे लिस्‍ट में है, जिसे अब ब्लैक लिस्‍ट किया जा सकता है

इस्‍लामाबाद : आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्‍त कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर दुनियाभर में आलोचना झेल रहे पाकिस्‍तान पर FATF से ब्लैक लिस्‍ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इस पर अंतिम फैसला अगले ही माह अक्‍टूबर में आने वाला है। पाकिस्‍तान पहले से ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में है और इससे बाहर निकलने के लिए जो मापदंड तय किए गए थे, उसमें वह बुरी तरह विफल रहा है, जिसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि एफएटीएफ पाकिस्‍तान को अब ब्लैक लिस्‍ट कर देगा। अगर ऐसा होता है तो पहले से खस्‍ताहाल पाकिस्‍तान की अर्थव्यवस्‍था की हालत और खराब हो सकती है।

संतुष्‍ट नहीं है ग्रुप
कई रिपोर्ट्स में एक पाकिस्‍तानी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि एशिया पैसिफ‍िक ज्‍वाइंट ग्रुप ने आतंकवाद के वित्‍तपोषण के खिलाफ पाकिस्‍तान की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर इस सप्‍ताह बैंकॉक में जो मूल्‍यांकन किया है, वह उसकी उम्‍मीदों के अनुरूप नहीं है। अधिकारी का यह भी कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ वित्‍तपोषण को लेकर पाकिस्‍तान से कई जटिल सवाल किए गए और इस्‍लामाबाद की ओर से जो जवाब दिए गए, उससे समूह संतुष्‍ट नजर नहीं आया।

पाकिस्‍तान क्‍यों है FATF की रडार पर?
एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को जून 2018 में ग्रे लिस्‍ट में डाला था। उसके खिलाफ यह कार्रवाई लश्‍कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्‍मद, हक्‍कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाने जाने को लेकर की गई थी। आतंकवाद के वित्‍तपोषण और उसे प्रश्रय एवं प्रोत्‍साहन के संबंध में उसे 27 सूत्री एक्‍शन प्‍लान पर अमल करने के लिए 15 महीने का समय दिया गया था, जिसमें वह बुरी तरह विफल रहा। ऐसे में अब उस पर अक्टूबर में एफएटीएफ से ब्‍लैक लिस्‍ट होने का खतरा मंडरा रहा है।

APG ने की है कार्रवाई
अभी पिछले माह ही एफएटीएफ की सहायक इकाई एशिया पैसिफ‍िक ग्रुप (APG) ने अपने मापदंडों में विफल होने पर पाकिस्‍तान को 'इन्‍हैंस्ड फॉलो अप लिस्‍ट' में डाल दिया था। पाकिस्‍तान के खिलाफ यह कदम आतंकवाद के वित्‍तपोषण को रोकने के लिए 40 मापदंडों में से 30 में विफल रहने के बाद उठाया गया था। एफएटीएफ ने जून में भी पाकिस्‍तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि वह अक्‍टूबर तक आतंकवाद के वित्‍तपोषण के खिलाफ ठोस कदम उठाए, अन्यथा उसे ब्लैकलिस्‍ट कर दिया जाएगा।

क्‍या है FATF?
यहां उल्‍लेखनीय है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसका गठन फ्रांस की राजधानी पेरिस में 1989 में किया गया था। जी7 समूह के देशों ने इसका गठन किया था, जिसका मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग, व्‍यापक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंक के वित्तपोषण पर नजर रखना है। मौजूदा समय में भारत सहित इसके 39 सदस्‍य देश हैं, जो दुनिया के प्रमुख वित्तीय केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत 2010 में इसका सदस्‍य बना। चीन भी इसका सदस्‍य है, जबकि पाकिस्तान को इसकी सदस्‍यता हासिल नहीं है।