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FATF की बैठक से पाकिस्तान की नींद उड़ी, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से सदस्य देश संतुष्ट नहीं

Updated Oct 15, 2019 | 09:07 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Pakistan- Terrorism: पेरिस में फाइनेंसियल एक्शन टॉस्क फोर्स की बैठक जारी है। 18 अक्टूबर को पाकिस्तान के बारे में निर्णायक फैसला हो सकता है।

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पाकिस्तान के पीएम हैं इमरान खान
मुख्य बातें
  • पेरिस में चल रही है फाइनेंसियल एक्शन टॉस्क फोर्स की बैठक
  • आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में दिए गए थे 27 प्वाइंट, 6 प्वाइंट पर पाकिस्तान का जवाब संतोषजनक
  • 18 अक्टूबर को एफएटीएफ की तरफ से लिया जा सकता है बड़ा फैसला

पेरिस: पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर अब किसी से छिपी नहीं है। आतंकवाद के नाम पर पाकिस्तान की कार्रवाई से फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स के सदस्य देश संतुष्ट नहीं हैं। दरअसल उसके पीछे वजह भी है। एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान को 27 प्वाइंट दिए गए थे। लेकिन यह पाया गया है कि वो सिर्फ 6 बिंदुओं पर खरा उतरा है। जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला गया था और आतंकवाद पर पुख्ता कार्रवाई के लिए एक साल का समय दिया गया था। बताया जा रहा है कि अगर पाकिस्तान अपनी तरफ से पुख्ता कार्रवाई का भरोसा नहीं दे सका तो उसे डॉर्क ग्रे लिस्ट में डाला दिया जाएगा। 

एफएटीएफ की जारी बैठक में अधिकारियों का कहना है कि इस बात के संकेत हैं कि पाकिस्तान को अलग थलग कर दिया जाएगा। बता दें कि 18 अक्टूबर पाकिस्तान के लिए डी डे की तरह होगा। इस दिन यह तय हो जाएगा कि पाकिस्तान को अब आगे क्या करना है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि तुर्की, चीन और मलेशिया की तरफ से उसे मदद मिलेगी। लेकिन उसकी संभावना कमजोर नजर आ रही है। 

एफएटीएफ के नियमों के अनुसार ग्रे और ब्लैक लिस्ट के बीत एक और श्रेणी है जिसे डॉर्क ग्रे के नाम से जाना जाता है। इसके तहत किसी भी देश को जिस पर आतंकवाद के पोषण का आरोप लगता है उसे सुधरने के लिए और समय दिया जाता है ताकि वो अपने आप में बदलाव कर सके। अगर ऐसा नहीं होता है तो उस देश का ब्लैक लिस्ट में शामिल होना तय माना जाता है।