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5 परमाणु संपन्न देशों ने पहली बार जारी किया संयुक्त बयान, बताया कैसे सुरक्षित रहेगी दुनिया 

Updated Jan 04, 2022 | 07:12 IST

Nuclear war, arms race : अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के संयुक्त बयान के मुताबिक पांच देशों के नेताओं ने कहा है कि 'हमारा मानना है कि परमाणु युद्ध से कोई जंग नहीं जीती जा सकती और इसे कभी लड़ा भी नहीं जाना चाहिए।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
परमाणु शक्ति संपन्न पांच देशों की अनूठी पहल। -प्रतीकात्मक तस्वीर
मुख्य बातें
  • दुनिया के परमाणु हथियार संपन्न पांच देशों ने की अनूठी पहल
  • देशों ने कहा कि शांति के लिए परमाणु युद्ध के खतरे को टालना जरूरी है
  • हथियारों की रेस में न पड़ने एवं एक दूसरे को निशाने न बनाने का संकल्प जताया

वाशिंगटन : दुनिया के कई देशों के बीच टकराव की स्थिति के बीच परमाणु शक्ति संपन्न पांच देशों ने एक अच्छी पहल की है। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन ने पहली बार एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि वे अपने परमाणु हथियारों से एक दूसरे अथवा अन्य किसी देश को निशाना नहीं बनाएंगे। साथ ही इन देशों ने हथियारों की दौड़ में शामिल न होने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। यूक्रेन के मसले पर रूस और पश्चिमी देशों के दरम्यान जारी तनाव के बीच पांच शक्तिशाली देशों का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

'परमाणु युद्ध से कोई जंग नहीं जीती जा सकती'

संयुक्त बयान के मुताबिक पांच देशों के नेताओं ने कहा है कि 'हमारा मानना है कि परमाणु युद्ध से कोई जंग नहीं जीती जा सकती और इसे कभी लड़ा भी नहीं जाना चाहिए। चूंकि परमाणु युद्ध का परिणाम दूरगामी होता है। तो हम यह भी संकल्प जताते हैं कि परमाणु हथियारों को रखने का मकसद रक्षात्मक उद्देश्य, आक्रमण को रोकने और युद्ध रोकने के लिए होना चाहिए। हमारा दृढ़ मान्यता है कि इस तरह के हथियारों के प्रसार को अवश्य रोका जाना चाहिए।' 

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करारों, समझौतों का पालन करने पर जोर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के पांच स्थायी सदस्यों का कहना है कि परमाणु हमले की चुनौती को दूर किया जाना चाहिए। साथ ही इन देशों ने द्विपक्षीय, परमाणु अप्रसार, परमाणु निरस्त्रीकरण एवं हथियार नियंत्रण पर समझौतों एवं प्रतिबद्धताओं पर कायम रहने एवं उनका पालन करने पर जोर दिया। 

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'ऐसा नहीं होने पर सभी को खतरा'

इन पांच देशों ने परमाणु परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अन्य देशों के साथ कार्य करने की अपनी इच्छा जाहिर की। देशों ने सैन्य टकराव टालने के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय राजनयिक नजरिया अपनाने का इरादा जाहिर किया। पांच देशों ने कहा कि हथियारों की रेस रोकने के लिए पारस्परिक समझ एवं विश्वास बढ़ाने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं होता है तो इससे सभी को खतरा पैदा होगा।