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तालिबान से 15 देशों की गुहार, 'ईद उल जुहा' के नाम पर हथियार डालने की अपील 

 Foreign missions and NATO issue joint call for Taliban ceasefire
Updated Jul 19, 2021 | 14:35 IST

अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान सरकार के बीच दोहा में जारी वार्ता विफल हो गई है। इसके बाद 15 देशों ने तालिबान से हथियार डालने की अपील की है। देशों का कहना है कि ईद के मौके पर तालिबान को सद्भावना दिखानी चाहिए।

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 Foreign missions and NATO issue joint call for Taliban ceasefire Foreign missions and NATO issue joint call for Taliban ceasefire
तस्वीर साभार:&nbspAP
तालिबान के साथ दोहा में चल रही है वार्ता।
मुख्य बातें
  • अफगानिस्तान में शांति के लिए तालिबान के साथ चल रही है वार्ता
  • अफगान नेताओं की तालिबान के साथ दो दौर की वार्ता विफल हुई
  • दुनिया के 15 देशों ने ईद के मौके पर तालिबान से सद्भावना दिखाने को कहा

काबुल : अफगानिस्तान में मौजूद 15 देशों के मिशनों एवं नाटो ने तालिबान से अपनी आक्रामक गतिविधियों एवं हिंसक संघर्ष पर विराम लगाने की अपील की है। अफगानिस्तान में सीजफायर लागू करने के लिए दोहा में हुई बैठक के असफल हो जाने के कुछ घंटे बाद देशों ने तालिबान से यह अपील की। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक शांति प्रक्रिया आगे बढ़ाने और जारी संघर्ष पर विराम लगाने के लिए अफगानिस्तान के नेताओं का एक शिष्टमंडल पिछले दो दिनों में तालिबान के राजनीतिक नेतृत्व से कतर की राजधानी दोहा में बात की है। तालिबान की ओर रविवार को जारी एक बयान में तेज हो रहे संघर्ष पर रोक लगाने का कोई जिक्र नहीं है।

15 मिशनों ने कहा-हथियार डालकर सद्भावना दिखाए तालिबान
रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में मंगलवार की छुट्टी का जिक्र करते हुए 15 मिशनों एवं नाटो के नुमाइंदों ने कहा, 'इस ईद उल जुहा के मौके पर तालिबान को सद्भावना दिखाते हुए अपने हथियार नीचे रख देना चाहिए। ऐसा करते हुए वे संदेश दे सकते हैं कि वे शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' इस संयुक्त बयान का समर्थन ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, यूरोपीय यूनियन के शिष्टमंडल, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कोरिया, नीदरलैंड, स्पेन, ब्रिटेन, अमेरिका और नाटो के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने किया है। 

'तालिबान का रुख उसकी प्रतिबद्धता के विपरीत'
संयुक्त बयान में कहा गया है, 'तालिबान का आक्रामकता, उसके इस रुख के कि वह समस्या का हल बातचीत के जरिए चाहता है, विपरीत है।' बयान के मुताबिक, 'इस संघर्ष में निर्दोष लोग मारे गए हैं। लोगों को निशाना बनाकर हत्या की गई है। बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं। संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है। देश के संचार एवं अहम प्रतिष्ठानों पर हमले हुए हैं।'

ईद के मौके पर सीजफायर करता आया है तालिबान
पिछले समय में तालिबान ईद के मौके पर सीजफायर की घोषणा करता आया है लेकिन इस बार उसकी तरफ से इस बारे में कोई घोषणा नहीं हुई है। अफगानिस्तान से अमेरिकी एवं नाटो सेना की वापसी शुरू होने के बाद से तालिबान ने देश के 180 से ज्यादा जिलों पर अपना नियंत्रण कर लिया है। कई प्रांतों में अफगान सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष चल रहा है। 

दोहा में वार्ता हुई विफल
तालिबान का कहना है कि वह देश में दशकों से चल रहे युद्ध का राजनीतिक समाधान चाहता है। तालिबान के नेता अफगानिस्तान की सरकार के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ दोहा में शांति वार्ता कर रहे हैं। अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के शांति दूत जलमय खलीलजाद भी दोहा में हैं और ताशकंद में पिछले सप्ताह एक सम्मेलन में उन्होंने हिंसा में कमी आने और बकरीद के दौरान तीन दिन तक संघर्ष विराम रहने की उम्मीद जताई थी। लेकिन वार्ता के असफल हो जाने के बाद समस्या के राजनीतिक समाधान की उम्मीदें धुंधली होती जा रही हैं।