सत्ता से बाहर होने के बाद इमरान खान लगातार मौजूदा शाहबाज सरकार पर निशाना साध रहे हैं। हाल ही में व्यापक हित में अपने लॉन्ग मार्च को वापस लेने का फैसला किया था। लेकिन वो इस बात को बार बार दोहरा रहे हैं कि उनकी जान खतरे में हैं और सरकार उन्हें सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी कर रही है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान का कहना है कि सरकार मुझे झूठे आरोपों में सलाखों के पीछे डालने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इस आंदोलन को रोका जा सके। उन्होंने दोहराया कि मौजूदा शासक एक 'विदेशी साजिश' के माध्यम से सत्ता में आए और उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि अगर उन्हें 'फर्जी' प्रथम सूचना रिपोर्ट पर गिरफ्तार किया जाता है तो वे किसी भी स्थिति के लिए खुद को तैयार करें।
चुनावों के ऐलान तक संघर्ष जारी
इमरान खान ने कहा कि क्या हो सकता है कि वास्तविक स्वतंत्रता के लिए यह आंदोलन समय से पहले चुनाव की घोषणा तक नहीं रुकेगा। आपको कानून के शासन के लिए खड़ा होना होग। कानून का शासन सुनिश्चित करना वकीलों और न्यायपालिका की जिम्मेदारी है।उन्होंने पंजाब विधानसभा की आरक्षित सीटों पर एमपीए की अधिसूचना को रोकने के लिए पाकिस्तान के चुनाव आयोग पर भी हमला किया और कहा कि इस कदम का उद्देश्य मुख्यमंत्री हमजा शहबाज की सरकार की रक्षा करना था।अगर खाली आरक्षित सीटों को भरते हैं, तो वह बहुमत खो देंगे।
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अगले चुनाव में धांधली की पुरजोर कोशिश जारी
इमरान ने यह भी आरोप लगाया कि ईसीपी अगले चुनावों में धांधली करने के लिए सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा, वे कुछ भी करें, हम चुनाव जीतेंगे।ईंधन और बिजली की बढ़ती कीमतों के बारे में बोलते हुए इमरान ने कहा कि उन्होंने देश के इतिहास में इस तरह की आसमान छूती महंगाई कभी नहीं देखी। जब वे सार्वजनिक रूप से जाएंगे तो चोर और देशद्रोही ये दो नारे सुनेंगे।इमरान ने कहा कि मौजूदा सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के कारण अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने पाकिस्तान के दृष्टिकोण को स्थिर से नकारात्मक कर दिया है।WAPDA की क्रेडिट रेटिंग भी डाउनग्रेड कर दी गई है और अब हम बांध बनाने के लिए ऋण नहीं ले पाएंगे। यह सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को इस तथ्य के बावजूद गिरा दिया गया था कि उसने देश को कोविड -19 महामारी सहित कई संकटों से बाहर निकाला और देश की जीडीपी वृद्धि को 6 प्रतिशत पर छोड़ दिया।