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आज का इतिहास: टाइटैनिक जहाज का 10 अप्रैल से है गहरा नाता

Updated Apr 10, 2021 | 05:30 IST

10 अप्रैल को ही टाइटैनिक जहाज अपनी पहली और अंतिम यात्रा पर निकला था। जिसके बाद वह वापस कभी नहीं लौटा। 

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
10 अप्रैल का इतिहास

नई दिल्ली : टाइटैनिक जहाज का 10 अप्रैल से गहरा नाता है। यह बदकिस्मत जहाज 10 अप्रैल के दिन ही ब्रिटेन के साउथेम्पटन बंदरगाह से अपनी पहली और अंतिम यात्रा पर रवाना हुआ था। वैसे टाइटैनिक जहाज का जिक्र आते ही इससे जुड़ी दुर्घटना के तमाम मंजर आंखों के सामने से गुजर जाते हैं।

वैसे यह भी हकीकत है कि जहाज कब बना, किसने बनाया, यह कब अपनी यात्रा पर निकला यह सब तथ्य 1997 में आई फिल्म टाइटैनिक ने धुंधले कर दिए और याद रह गई जेम्स कैमरन की यह शानदार फिल्म, विशाल जहाज के डैक पर बांहें फैलाए खड़े लियोनार्डो डी कैप्रियो और केट विंस्लेट, नीले हीरे वाली माला और पानी का रौद्र रूप।

देश दुनिया के इतिहास में 10 अप्रैल की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

  1. 1847: पुलित्जर पुरस्कारों के प्रणेता अमेरिकी पत्रकार एवं प्रकाशक जोसेफ पुलित्जर का जन्म।
  2. 1875 : स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्यसमाज की स्थापना की।
  3. 1894: भारतीय उद्योगपति घनश्यामदास बिड़ला का जन्म।
  4. 1912: टाइटेनिक ब्रिटेन के साउथेप्टन बंदरगाह से अपनी पहली और आखिरी यात्रा पर रवाना हुआ।
  5. 1916: पहले गोल्फ टूर्नामेंट का प्रोफेशनल तरीके से आयोजन।
  6. 1930: पहली बार सिंथेटिक रबर का उत्पादन हुआ। 1972: ईरान में भूकंप से करीब 5 हजार लोगों की मौत।
  7. 1972 : जैविक हथियारों पर के विकास, उत्पादन और भंडारण पर जैविक हथियार संधि के जरिए रोक लगा दी गई। इसपर 150 से ज्यादा देशों ने हस्ताक्षर किए।
  8. 1973 : पाकिस्तान ने संविधान में संशोधन कर जुल्फिकार अली भुट्टो को राष्ट्रपति के स्थान पर प्रधानमंत्री बनाया।
  9. 1988 : पाकिस्तान के रावलपिंडी और इस्लामाबाद के बीच घनी आबादी वाले एक इलाके में सेना के शस्त्र भंडार में आग लगने से जान माल का भारी नुकसान हुआ। कम से कम 90 लोगों की मौत। एक हजार से ज्यादा घायल।
  10. 1982 : भारत के बहुउद्देशीय उपग्रह इनसेट- 1 ए का सफल प्रक्षेपण।
  11. 1995: भारत रत्न से सम्मानित भारत के पांचवें प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का निधन। 2001 : नीदरलैंड ने एक विधेयक को मंजूरी देकर इच्छा मृत्यु को मंजूरी दी। वह इस तरह का कानून बनाने वाला वह दुनिया का पहला देश बना।
  12. 2002: 15 सालों में पहली बार लिट्टे के सुप्रीमो वी. प्रभाकरन ने प्रेस कांफ्रेस में भाग लिया।