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How to leave Russia...सेना में जाने के डर से रूस छोड़कर भाग रहे लोग!

शिशुपाल कुमार | Principal Correspondent
Updated Sep 23, 2022 | 00:33 IST

How to leave Russia: रूस के लोग अब उन देशों का रूख करने लगे हैं, जहां से मास्को की उड़ानों पर प्रतिबंध नहीं है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
रूस छोड़कर भाग रहे लोग
मुख्य बातें
  • यूक्रेन अब रूस से वापस छीन रहा है कब्जाए गए क्षेत्र
  • यूक्रेन की बढ़त के बाद गुस्साए पुतिन ने तेज किए हमले
  • हमलों में तेजी लाने के लिए पुतिन ने रिजर्व सेना को भी बुलाया

How to leave Russia: रूस एक तरफ यूक्रेन के साथ लड़ाई में पिछड़ रहा है तो वहीं अब पुतिन को देश के भीतर भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सेना में बुलाए जाने के डर से लोग अब देश छोड़कर भागने लगे हैं। इससे पुतिन की सेना को और मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है, जो पहले ही यूक्रेन की सेना के सामने पिछड़ रही है।

पुतिन के संबोधन के बाद हालत खराब

बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश को संबोधित किया था। जिसके बाद से रूस से उड़ान भरने वाली फ्लाइटों के टिकटों की ब्रिकी अचानक से बढ़ गई। जिसके बाद टिकटों की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल आ गया है। पुतिन ने अपने संबोधन में चेतावनी भरे लहजे में पश्चिम से कहा कि रूस अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और यह कोरी बयानबाजी नहीं है। पुतिन ने कहा कि उन्होंने रिजर्व सेना को बुलाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

कौन हैं रिजर्व सैनिक

रूस में रिजर्व सैनिक वो हैं, जिन्होंने सैन्य ट्रेनिंग तो ले रखी है, लेकिन सर्विस में काफी सालों से नहीं है। इन्हें जरूरत पड़ने पर सरकार द्वारा बुलाया जाता है। शांति के समय में ये सामान्य जिंदगी जीते हैं। 

ट्रेनिंग के बाद जंग ए मैदान में

वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार पुतिन सरकार उन लोगों को नोटिस भेज रही है, जिन्होंने पूर्व में सैन्य सेवा दी है। जो रिजर्व सेना में शामिल हैं। इनकी उम्र 35 साल से कम है। मॉस्को के एक निवासी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया- "वे फरवरी से मेरा पीछा कर रहे हैं, मुझे एक अनुबंध की पेशकश करने की कोशिश कर रहे हैं।" चुने गए इन लोगों को 15 दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर उन्हें सीमा पर युद्ध लड़ने के लिए भेज दिया जाएगा।

गूगल पर कर गया ट्रेंड

इस घोषणा के बाद बुधवार को 'रूस कैसे छोड़ें' (How to leave Russia) गूगल पर ट्रेंड करने लगा। आर्मेनिया, जॉर्जिया, तुर्की और दुबई जैसे देशों के लिए उड़ानों की टिकटें, जो पश्चिम द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से प्रभावित नहीं थीं, पलक झपकते ही बिक गईं। जो लोग फ्लाइट का टिकट खरीदने से चूक गए, वे फिनलैंड और मंगोलिया के साथ सीमाओं को क्रॉस करने के लिए पहुंच गए। 

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