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चीन से कैसे मुकाबला करेंगे जी-7 देश? क्‍या है बिल्‍ड बैक बेटर वर्ल्ड प्‍लान?

Updated Jun 14, 2021 | 09:37 IST

कोरोना संकट के बीच ब्रिटेन के कॉर्नवाल में जब दुनिया के सात समृद्ध देश जुटे तो चीन खास तौर पर उनके निशाने पर रहा। जी-7 देशों के नेताओं के बयान से साफ हो गया है क‍ि वे चीन का एकजुट होकर मुकाबला करने जा रहे हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
चीन से कैसे मुकाबला करेंगे जी-7 देश? क्‍या है बिल्‍ड बैक बेटर वर्ल्ड प्‍लान?
मुख्य बातें
  • जी-7 देशों का शिखर सम्‍मेलन ब्रिटेन के कॉर्नवाल में संपन्‍न हुआ
  • कोरोना संकट के बीच हुए इस सम्‍मेलन पर पूरी दुनिया की नजरें रहीं
  • इस दौरान दुनिया के सात समृद्ध देश चीन के खिलाफ एकजुट नजर आए

नई दिल्‍ली : ब्रिटेन के कॉर्नवॉल में जी-7 का शिखर सम्‍मेलन समाप्‍त हो गया। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच दुनिया के सात समृद्ध देशों- अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान और कनाडा के नेता जब ब्रिटेन के इस शहर में जुटे तो उन्‍होंने वैश्विक महत्‍व के कई मुद्दों पर बात की। कोरोना से जूझ रही दुनिया के जरूरतमंद देशों को वैक्‍सीन की मदद के लिए भी वे आगे आए, जिसने दुनियाभर में खूब सुर्खियां बटोरी।

दुनिया की नजरें इस बात पर भी रहीं कि चीन को लेकर जी-7 के देश आखिर क्‍या संदेश देते हैं। खास तौर पर ऐसे वक्‍त में, जबकि वैश्विक महामारी के इस दौर में कोरोना वायरस संक्रमण की उत्‍पत्ति को लेकर चीन पर लगातार उंगली उठ रही है। खुद चीन की भी नजरें 11-13 जून के बीच हुए जी-7 के शिखर सम्‍मेलन और इन देशों के नेताओं के बयानों पर टिकी थी, जो उसके हालिया बौखलाहटभरे बयानों से भी पर‍िलक्षित होती है।

जी-7 के खिलाफ चीन की बौखलाहट

यह चीन की बौखलाहट ही थी कि दुनिया के सात समृद्ध देशों के नेताओं की शीर्ष बैठक जब शुरू हुई तो उसने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि वे दिन लद चुके हैं, जब मुट्ठीभर मुल्‍क दुनिया की किस्मत का फैसला किया करते थे। उसने जोर देकर यह कहा कि कोई भी देश चाहे वह बड़ा हो या छोटा, मजबूत हो या कमजोर, गरीब हो गया अमीर, उसकी नजर में सब बराबर हैं और वैश्विक मामलों के समाधान के लिए सभी देशों से विचार-विमर्श के बाद ही कदम बढाए जाने चाहिए।

उसके इस बयान को जी-7 के देशों द्वारा चीन से मुकाबले के लिए अपनाई गई उस योजना को लेकर बौखलाहटभरी प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें चीन को टक्कर देने की चाहत रखने वाले दुनिया के इन सात प्रमुख देशों के नेताओं ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों को इस तरह का समर्थन देने की बात कही है कि उससे उन्‍हें आधारभूत संरचनाओं के विकास में मदद मिल सके। उन्‍होंने यह भी कहा कि ये उच्च-मानकों वाली एक मूल्‍यपरक और पारदर्शी साझेदारी होगी।

चीन के खिलाफ जी-7 की एकजुटता

अब जी-7 के तीन दिवसीय शिखर सम्‍मेलन पर एक नजर डालें तो जाहिर होता है कि जी-7 की बैठक में खास तौर पर आखिरी दिन चीन का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा, जब नेताओं ने चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन का मसला उठाते हुए हांगकांग के लिए अधिक स्‍वायत्‍ता की भी मांग की। इतना ही नहीं जी-7 के देशों ने कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति की पूरी निष्‍पक्षता, पारदर्शिता के साथ गहराई से जांच कराने की भी मांग, जिसका पहला मामला चीन के वुहान में सामने आया था।

चीन के खिलाफ जी-7 देशों की एकजुटता ताइवान जैसे मसले पर भी सामने आई, जो उसकी दुखती नस रही है। अमेरिका, जो इस समूह का अहम सदस्‍य है और जिसके साथ चीन के संबंध विगत कुछ समय में और तनावपूर्ण हुए हैं, ने जोर देकर कहा कि कोरोना महामारी के बाद की दुनिया में लोकतांत्रिक देशों और तानाशाही व्यवस्था वाले देशों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। इसी तरह का बयान इटली के शीर्ष नेतृत्‍व से भी आया।

कर्ज के जाल में फंसा रहा चीन!

चीन को लेकर जी-7 के नेताओं की ओर से जो बयान आया, उसने साफ कर दिया कि पश्चिमी दुनिया के ये ताकतवर मुल्‍क चीन के बढ़ते आर्थिक, कूटनीतिक व‍िस्‍तार को अपने हितों के लिए बड़े खतरे के तौर पर देखते हैं और इससे मुकाबले के लिए एकजुटता की अहमियत को भी समझते हैं। चीन को टक्‍कर देने के लिए उन्‍होंने जो योजना बनाई है, उसमें उनका लक्ष्‍य निम्‍न व मध्‍यम आय वाले वे देश हैं, जहां चीन पहले से ही अपनी पैठ बनाए हुए है।

चीन पर अरसे से यह आरोप लगता रहा है कि द‍ुनिया के छोटे, कमजोर और जरूरतमंद देशों को विकास के नाम पर बुनियादी ढांचे के निर्माण में वित्‍तीय मदद देने की आड़ में वह उन्‍हें कर्ज के जाल में फंसा रहा है। चीन ने अपनी महत्‍वाकांक्षी परियोजना 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (BRI) के जरिये कई देशों में ट्रेनों, सड़कों और बंदरगाहों के निर्माण एवं उन्‍हें उन्‍नत बनाने के लिए आर्थिक मदद दी है। लेकिन चीन पर इसकी आड़ में ऐसे मुल्‍कों को कर्ज के बोझ तले दबाने के बाद उन पर राजनीतिक व कूटनीतिक रूप से भी 'नियंत्रण' करने की कोशिशों का आरोप लगता रहा है।

क्‍या है बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड' प्लान?

चीन की इसी BRI परियोजना को टक्‍कर देने के लिए जी-7 नेताओं ने अब निम्न और मध्यम आय वाले देशों को समर्थन देने की योजना बनाई है, जिसके तहत वे इन देशों को बेहतर बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करेंगे। अमेरिका ने चीन की बीआरआई परियोजना की तर्ज पर 'बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड' (B3W) प्लान पर आगे बढ़ते हुए चीन को टक्‍कर देने का प्लान दुनिया की सात प्रमुख आर्थिक शक्तियों के समक्ष रखा है और यह भी कहा कि ये चीनी योजना के सामने एक उच्च गुणवत्ता वाला विकल्‍प बन सकता है।

'बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड' (B3W) प्लान बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रस्‍तावित एक आर्थिक पैकेज की योजना है। अमेरिका ने इसकी तर्ज पर चीन की बीआरआई परियोजना का मुकाबला करने का प्रस्‍ताव रखा है, जिसका सीधा अर्थ यह हुआ कि जिन छोटे व आर्थिक रूप से पिछले देशों को चीन वित्‍तीय मदद पहुंचाकर उनकी 'हुकुमत को नियंत्रित' करने की कोशिश कर रहा है, पश्चिमी देश अब उन्‍हें उसी तरह की मदद मुहैया कराएंगे। हालांकि इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है कि इस योजना के तहत वित्‍त पोषण किस तरह किया जाएगा।