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इमरान खान का 'परमाणु राग', बोले-CAA से छिड़ सकता है भारत-पाक के बीच युद्ध

Updated Dec 18, 2019 | 13:02 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Imran Khan on Citizenship amendment Bill : भारत ने बिना देरी किए इमरान खान के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। भारत ने कहा कि भारत के पूरी तरह से आंतरिक मामले में इमरान खान का बयान गैर-जरूरी है।

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Imran Khan : सीएए पर इमरान खान ने दिया बेतुका बयान।
मुख्य बातें
  • इमरान खान ने कहा-सीएए से दो परमाणु हथियार संपन्न देशों में छिड़ सकता है युद्ध
  • भारत ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, कहा-वैश्विक मंचों का गलत इस्तेमाल करता है पाक
  • जेनेवा में शरणार्थी संकट पर बोल रहे थे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान

नई दिल्ली : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत को अपने परमाणु हथियारों की गीदड़ भभकी दी है। हैरान करने वाली बात है कि उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून को दो देशों के बीच परमाणु हथियारों के संघर्ष से जोड़ा है। जेनेवा में वैश्विक शरणार्थी फोरम को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि सीएए से न कवेल दक्षिण एशिया में शरणार्थी संकट बढ़ेगा बल्कि यह परमाणु हथियार संपन्न देशों भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को बढ़ा सकता है।

भारत ने बिना देरी किए इमरान खान के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। भारत ने कहा कि भारत के पूरी तरह से आंतरिक मामले में इमरान खान का बयान गैर-जरूरी है। वह एक बहुपक्षीय मंच पर अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा और झूठ बोल रहे हैं। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'समूचे विश्व को अब यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि इमरान खान अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग करने के आदी हो चुके हैं। पिछले 72 सालों से ज्यादा समय से इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान ने अपने यहां सभी अल्पसंख्यक समुदायों का व्यवस्थित तरीके से प्रताड़ित किया है और इसकी वजह से पाकिस्तान के ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदायों ने भारत में शरण ली है।'

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इमरान खान ने फोरम में कहा, 'कश्मीर में 'कर्फ्यू और नए नागरिकता कानून के चलते लाखों मुस्लिम भारत छोड़ सकते हैं और इससे शरणार्थी संकट पैदा होगा। शरणार्थी संकट और समस्याओं को जन्म देगा।'

बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध तनाव भरे दौर से गुजर रहे हैं। भारत सरकार ने गत 5 अगस्त को अपने ऐतिहासिक फैसले में राज्य को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान बौखला गया। 

भारत के इस कदम के खिलाफ पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के पास गया लेकिन उसे हर जगह से नाकामी मिली। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अनुच्छेद 370 समाप्त करने के खिलाफ कश्मीर के लोग बगावत करेंगे लेकिन उसे यहां भी निराशा हाथ लगी। जम्मू-कश्मीर में कर्प्यू हटने के बाद जन-जीवन सामान्य हो गया है और वहां शांति है।