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J&K पर पाकिस्तान के झूठे दावों की UN में फिर खुली पोल, मुंहतोड़ जवाब देकर भारत ने दिखाया आइना

Updated Oct 11, 2019 | 11:50 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Paulomi Tripathi in UN : भारत ने एक बार फिर से जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान के झूठे दावों की संयुक्त राष्ट्र में पोल खोल दी है। भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पौलोमी त्रिपाठी ने पाकिस्तान को तीखा जबाव दिया।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
पौलोमी त्रिपाठी
मुख्य बातें
  • जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान के झूठे दावों की फिर खुली पोल
  • पौलोमी त्रिपाठी ने यूएन में मलीहा लोधी की बातों का दिया तीखा जवाब
  • लोधी यहां जम्मू कश्मीर में बाल अधिकारों के हनन का दावा कर रही थी
  • पाकिस्तान के इन्हीं दावों को भारत ने झूठलाते हुए दिखाया आइना

युनाइटेड नेशंस : कश्मीर पर पाकिस्तान के दावों को एक बार फिर से भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान के इन झूठे दावों की एक बार फिर से पोल खोल दी है। दरअसल पाकिस्तान ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में बच्चों की अधिकारों का हनन हो रहा है ऐसे में बड़ी संख्या में बच्चे वहां से पलायन कर रहे हैं। इन्हीं दावों पर भारत ने करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान को आइना दिखा दिया है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने घर में झांक कर देखना चाहिए। उनके अपने ही देश में छोटे बच्चों को स्कूलिंग के नाम पर उन्हें आतंकवादी समूहों में भर्ती किया जाता है और हिंसक चरमपंथी विचारधाराओं से प्रभावित किया जा रहा है।

बता दें कि गुरुवार को 'बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन' (Promotion and Protection of the Rights of Children) विषय पर यूएन की आम सभा की तीसरी बैठक में इस पर चर्चा की जा रही थी, जिसमें भारत की तरफ से पहली स्थायी सचिव पौलोमी त्रिपाठी भारत का पक्ष रख रही थी। यहां पौलेमी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही उसे मुंहतोड़ जवाब दे दिया। त्रिपाठी ने कहा कि एक देश ने फिर से अपने झूठे दावों से यूएन का ध्यान भटकाने की कोशिश की है।

मलीहा लोधी के दावों को साबित किया झूठा
त्रिपाठी यहां बुधवार को यूएन में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी की बातों का जवाब दे रही थी। मलीहा लोधी ने यूएन में जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया था और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य में कथित तौर पर बच्चों की दयनीय हालत को बता रही थी। लोधी ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त द्वारा मानवाधिकारों की एक रिपोर्ट का भी यहां जिक्र किया था। 

इन्हीं दावों को सिरे से खारिज करते हुए त्रिपाठी ने कहा पाकिस्तान में कई ऐसे संदिग्ध स्कूल हैं जहां बच्चों को आतंकी समूहों में भर्ती किया जाता है और उन्हें हिंसा और चरमपंथ की सीख दी जाती है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान की इन गतिविधियों से ना सिर्फ पाकिस्तान के उन बच्चों का भविष्य छिन रहा है बल्कि इसका सीधा असर सीमापार तक के बच्चों पर भी पड़ सकता है।  

बाल मानवाधिकार पर पाकिस्तान को दिखाया आइना
पौलोमी ने कहा कि अगर ये मासूम बच्चों की आजादी और उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं है तो और क्या है? उन्होंने कहा कि यूएन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय पहले भी इनके झूठे दावों से प्रभावित नहीं हुआ है और मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनकी इन भ्रामक बातों में नहीं आने वाला है। हम अब और इन मुद्दों में नहीं फंसना चाहते हैं। 

उन्होंने कहा कि एक तरफ दुनिया भर में चाइल्ड राइट पर लोगों की सोच बदल रही है वहीं पाकिस्तान आज भी अवसरवादिता, गरीबी, आतंकवाद, मानवतावादी संकट जैसे गंभीर समस्या से जूझ रहा है। उन्होंने यहां डिजिटल साक्षरता की जरूरत पर भी जोर देते हुए कहा कि बच्चों के सर्वांगीन विकास के लिए सुरक्षित तरीके से इसका भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

त्रिपाठी ने जलवायु परिवर्तन का बच्चों पर प्रभाव को भी एक बड़ी चुनौती बताया। यहां उन्होंने भारत में बच्चों की सुरक्षा और विकास को लेकर किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 'क्लीन इंडिया मिशन' के तहत उनकी स्वच्छता, मिड डे मील स्कीम, वॉटर की व्यवस्था की जा रही है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना से लेकर असंतुलित लिंगानुपात पर भी लगातार काम किया जा रहा है। चाइल्डबुलिंग, चाइल्ड मैरिज, सैक्शुअल हैरेसमेंट, पोर्नोग्राफी और ट्रैफिकिंग पर भी काबू पाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।