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'ईशनिंदा कानून का सहारा ले अल्‍पसंख्‍यकों को निशाना बनाता है पाकिस्‍तान', UN भारत की दो टूक

Updated Sep 11, 2020 | 09:55 IST

Minorities in Pakistan: पाकिस्‍तान ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में जब भारत के खिलाफ टिप्‍पणी की तो उसे करारा जवाब मिला। भारतीय राजनयिक ने याद दिलाया कि पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों की क्या हालत है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
'ईशनिंदा कानून का सहारा ले अल्‍पसंख्‍यकों को निशाना बनाता है पाकिस्‍तान', UN भारत की दो टूक
मुख्य बातें
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्‍तान को भारत से करारार जवाब मिला
  • भारत ने पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों की हालत को बयां किया
  • अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ ईशनिंदा कानून के इस्‍तेमाल की बात भी रखी

जेनेवा : पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों की क्‍या हालत है, यह कोई छिपी बात नहीं है। कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं, जिससे जाहिर होता है कि वहां अल्‍पसंख्‍यकों को किस तरह ईशनिंदा कानून के नाम पर निशाना बनाया जाता है। लेकिन पाकिस्‍तान हर बार उंगली भारत की तरफ कर देता है। एक बार फिर ऐसा ही हुआ, जब संयुक्‍त राष्‍ट्र के वैश्विक मंच से पाकिस्‍तान ने ऐसी ही कोशिश तो भारत से उसे करारा जवाब मिला।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारतीय राजनयिक पॉलोमी त्रिपाठी ने दो टूक कहा कि पाकिस्‍तान भारत के खिलाफ नफरतभरे भाषणों के लिए इस वैश्विक मंच का इस्‍तेमाल कर रहा है। पाकिस्‍तान को भारत के खिलाफ कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबां में झांकने की जरूरत है कि उसके यहां धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों के साथ किस तरह का व्‍यवहार होता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान में धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों को निशाना बनाने के लिए ईशनिंदा कानूनों का इस्‍तेमाल होता है और इस तरह से उनके मानवाधिकारों का उल्‍लंघन किया जाता है।

'हिंसा की संस्‍कृति' जारी रखे हुए है पाकिस्‍तान

संस्कृति एवं शांति पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय फोरम में भारतीय राजनयिक ने कहा कि पाकिस्‍तानी प्रतिनिधिमंडल ने एक बार फिर भारत के खिलाफ नफरतभरे भाषण देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्‍तेमाल किया है। यह ऐसे समय में हो रहा है, जबकि पाकिस्‍तान अपने घरेलू स्‍तर पर और सीमा पार भी 'हिंसा की संस्कृति' को जारी रखे हुए है। मानवाधिकारों को लेकर पाकिस्‍तान के रिकॉर्ड और वहां धार्मिक व जातीय अल्पसंख्यकों के साथ जिस तरह के भेदभावपूर्ण व्यवहार होते हैं, वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए लगातार चिंता का कारण बने हुए हैं।

पाकिस्तान में महिलाओं की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि वे सबसे अधिक संवेदनशील व असुरक्षित स्थिति में हैं। आए दिन उनका अपहरण कर लिया जाता है, बलात्कार होता है, जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है और उन्‍हें उन्‍हीं लोगों से शादी के लिए मजबूर किया जाता है, जिन लोगों ने उन्‍हें अगवा किया होता है। भारतीय राजनयिक ने साफ कहा कि पाकिस्‍तान को भारत के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने से पहले अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकारों की रक्षा को लेकर अपना रिकॉर्ड देखने की जरूरत है। भारत में संविधान ने सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार प्रदान किए हैं।