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G-7 का विस्तार : 'अमेरिका के साथ मिलकर काम करने में भारत को खुशी होगी' 

Updated Jun 09, 2020 | 07:24 IST

Taranjit Singh Sandhu on G-7 expansion: अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू का कहना है कि अमेरिका और भारत लगातार एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका के साथ काम करने पर भारत को खुशी होगी।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
अमेरिका में भारतीय राजदूत हैं तरनजीत सिंह संधू।
मुख्य बातें
  • अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह सिद्धू ने जी-7 के विस्तार पर दिया बयान
  • पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच जी-7 पर हुई बातचीत
  • जी-7 में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, रूस और दक्षिण कोरिया को शामिल करना चाहते हैं ट्रंप

वाशिंगटन : अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जी-7 के विस्तार की योजना का हिस्सा बनते हुए भारत को अमेरिका के साथ काम करने में खुशी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल में टेलीफोन पर हुई बातचीत पर प्रतिक्रिया देते हुए राजदूत ने यह बात कही। डोनाल्ड ट्रंप की इच्छा दुनिया के ताकतवर देशों के समूह जी-7 का विस्तार करने और उसमें भारत सहित कुछ अन्य देशों को शामिल करने की है। उनके इस प्रस्ताव पर भारत ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। इससे यह संदेश गया है कि आने वाले समय में भारत जी-7 का हिस्सा बन सकता है।

अमेरिका और भारत एक दूसरे के संपर्क में
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में राजदूत ने कहा, 'दोनों नेता एक दूसरे के साथ लगातार संपर्क में हैं। 'यहां तक कि दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी एक दूसरे के साथ नियमित संपर्क में रहते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच फोनपर बातचीत 2 जून को हुई और इस बातचीत में अन्य मुद्दों के साथ-साथ जी-7 से जुड़े दो मसलों पर बातचीत हुई।' राजदूत ने आगे कहा कि जहां तक राष्ट्रपति ट्रंप की जी-7 के विस्तार की इच्छा है तो भारत को अमेरिका के साथ मिलकर काम करने में खुशी होगी।

ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिका आने का दिया है न्योता
इस बातचीत के बारे में बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को अमेरिका आने का न्योता दिया है और इस आमंत्रण को भारतीय प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया है। पीएम मोदी सितंबर में अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं। ट्रंप जी-7 का विस्तार करते हुए इस समूह में भारत के साथ-साथ रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को शामिल करना चाहते हैं लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति का यह प्रस्ताव चीन को नागवार गुजरा है। चीन ने इस विस्तार पर कड़ी प्रतिक्रया दी है। चीन का कहना है कि उस पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका का यह एक दांव है और भारत उसका हिस्सा बन रहा है। जी-7 के विस्तार की बात चीन को इतनी बुरी लगी है कि उसने कहा है कि अमेरिका के साथ मिलकर भारत 'आग से खेलने' की कोशिश कर रहा है।

संधू ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका बढ़ी
चीन की आपत्ति पर संधु ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब भारत को जी-7 में शामिल होने का न्योता मिला है। उन्होंने कहा, 'हाल के वर्षों में भारत की वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा बढ़ी है। खासकर कोविड-19 संकट के दौरान भारत ने अपनी भूमिका जिस तरह से निभाई है, उससे दुनिया में नई दिल्ली का कद बढ़ा है। भारत की आबादी 1.3 अरब से ज्यादा है। इसे देखते हुए न केवल जी-7 में बल्कि दुनिया के जितने भी मंच हैं उनमें अब भारत की नुमाइंदगी होनी चाहिए।'