न्यूयार्क : भारतीय मूल की 15 साल की अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव को उनके शानदार कार्य के लिए टाइम पत्रिका ने अब तक का पहला ‘किड ऑफ द ईयर’ के रूप में नामित किया है। वह एक मेधावी युवा वैज्ञानिक एवं आविष्कारक हैं। गीतांजलि ने प्रौद्योगिकी का उपयोग कर दूषित पेयजल से लेकर अफीम की लत और साइबर धौंस जैसे मुद्दों से निपटने के मामले में शानदार कार्य किया है। टाइम ने कहा, ‘यह दुनिया उन लोगों की है जो इसे आकार देते हैं।’
5,000 से अधिक दावेदारों में से हुआ चयन
टाइम की प्रथम ‘किड ऑफ द ईयर’ के लिए 5,000 से अधिक दावेदारों में से गीतांजलि का चयन किया गया। टाइम स्पेशल के लिए अदाकारा एवं सामाजिक कार्यकर्ता एंजलीना जोली ने उनका साक्षात्कार लिया। गीतांजलि ने कोलोरैडो स्थित अपने घर से जोली के साथ डिजिटल माध्यमों से की गई बातचीत के दौरान अपनी प्रक्रियाओं के बारे में कहा, ‘अवलोकन करें, सोच विचार करें, अनुसंधान करें, निर्मित करें और उसे बताएं।’
सवालों का साफगोई से दिया जवाब
टाइम के मुताबिक किशोरी ने कहा, ‘हर समस्या का हल करने की कोशिश ना करें, बल्कि उस एक पर ध्यान केंद्रित करें जो आपको उकसाता हो। यदि मैं यह कर सकती हूं तो कोई भी यह कर सकता है।’ गीतांजलि ने कहा कि उसकी पीढ़ी कई समस्याओं का सामना कर रही है जो पहले कभी नहीं आई थी।
किशोरी ने कहा, ‘लेकिन साथ ही, हम पुरानी समस्याओं का भी सामना कर रहे हैं जो अब भी मौजूद है। जैसे कि हम यहां एक नयी वैश्विक महामारी का सामना कर रहे हैं और हम अब भी मानवाधिकारों के मुद्दे का सामना कर रहे हैं। ऐसी समस्याएं हैं जो हमने पैदा नहीं की हैं लेकिन उनका अब हमें प्रौद्योगिकी के जरिए हल करना है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन और साइबर धौंस।'
सामाजिक बदलाव के लिए काम करना चाहती हैं
किशोरी ने कहा कि जब वह दूसरी या तीसरी ग्रेड में थी तभी से उसने यह सोचना शुरू कर दिया था कि वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग किस तरह से सामाजिक बदलाव लाने में कर सकती है। किशोरी ने बताया कि वह जब 10 साल की थी तब उसने अपने माता पिता से कहा था कि वह कार्बन नैनो ट्यूब सेंसर प्रौद्योगिकी पर डेनवर वाटर क्वालिटी रिसर्च लैब में अनुसंधान करना चाहती है।