- नागरिकता (संशोधन) बिल 2019 लोकसभा में पास, अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा
- इमरान खान ने कहा कि यह बिल अंतरराष्ट्रीय मनवाधिकार के सभी मानदंडों का उल्लंघन है
- यह बिल के कानून बनने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न से पलायन कर रहे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्धों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को भारत के नागरिकता (संशोधन) बिल 2019 को पारित करने की निंदा की। जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि इस बिल में अंतरराष्ट्रीय मनवाधिकार के सभी मानदंडों का उल्लंघन किया गया है।
इमरान खान ने ट्वीट किया कि हम भारतीय लोकसभा नागरिकता कानून की कड़ी निंदा करते हैं। यह कानून पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय समझौते और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करता है। यह फासीवादी मोदी सरकार द्वारा प्रचारित आरएसएस के 'हिंदू राष्ट्र' डिजाइन का हिस्सा है।
इमरान खान की टिप्पणी तब आई जब ड्राफ्ट कानून सोमवार मध्यरात्रि को लोकसभा में पारित पारित हो गया। बिल के समर्थन में 311 वोट पड़े जबकि विरोध में 80 वोट पड़े।
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न से पलायन कर रहे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्धों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए कानून बनने से पहले अपनी अंतिम बाधा को पार करने के लिए बिल को अब बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।