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मॉस्को सैन्य परेड : राजनाथ सिंह बोले- भारतीय सैन्य दस्ते को मार्च करता देख गर्व से चौड़ा हुआ सीना

Updated Jun 24, 2020 | 14:09 IST

Rajnath Singh at Victory Parade Red Square in Moscow : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि मॉस्को में भारतीय सैन्य दस्ते को मार्च करता देख उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
रूस के सैन्य परेड कार्यकम में हिस्सा लेने मॉस्को पहुंचे हैं राजनाथ सिंह।
मुख्य बातें
  • रूस के सैन्य परेड समारोह में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को गए हैं राजनाथ सिंह
  • द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर मिली जीत की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है रूस
  • इस सैन्य परेड में भारत की तीन सेनाओं का संयुक्त दस्ता भी हुआ शरीक

मॉस्को : रूस के विक्ट्री डे परेड समारोह में हिस्सा लेने मॉस्को पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कार्यक्रम में शिरकत करते हुए अपनी तस्वीरें पोस्ट की हैं। मॉस्को के रेड स्क्वॉयर चौक पर आयोजित इस भव्य परेड समारोह में रूस सहित दुनिया के कई देशों के सैनिकों का दस्ता गुजरा। इस कार्यक्रम की तस्वीर ट्वीट करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'इस परेड में भारतीय सशस्त्र बलों के तीन अंगों का एक संयुक्त दस्ता भी हिस्सा ले रहा है। यह देखकर मुझे गर्व का अनुभव हुआ।' बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध (1941 से 1945) में जर्मनी पर मिले सोवियत रूस की जीत के 75 वर्ष पूरे होने पर सैन्य परेड का भव्य आयोजन किया गया है। रक्षा मंत्री तीन दिनों के दौरे पर रूस पहुंचे हैं। अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने रक्षा करारों को लेकर रूस के साथ बातचीत की है।

उप प्रधानमंत्री बोरिसोव से मिले राजनाथ
रक्षा मंत्री ने मंगलवार को रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी इवानोविच बोरिसोव से मुलाकात की। इस दौरान रक्षा मंत्री ने रूस के साथ हुए भारत के रक्षा करारों पर बातचीत की। इस दौरान रूस ने भारत को भरोसा दिया कि उसकी तरफ से रक्षा सौदों पर शीघ्र कार्वराई की जाएगी। बोरिसोव के साथ मुलाकात के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'भारत क की तरफ से पेश किए गया नए रक्षा करार प्रस्ताव पर रूस की तरफ से सकारात्मक जवाब मिला है।'

भारत और रूस के संबंध खास
रक्षा मंत्री ने आगे कहा, 'रूस और भारत के संबंध बेहद खास और एवं अत्यंत रणनीतिक साझेदारी रखने वाले हैं। इन संबंधों में रक्षा संबंध विशेष अहमियत रखता है। उप प्रधानमंत्री बोरिसोव के साथ दोनों देशों के रक्षा संबंधों पर बातचीत करने का मौका मिला। कोविड-19 महामारी के प्रतिबंधों के बावजूद वह मुझसे मिलने के लिए होटल आए, इसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं। उप प्रधानमंत्री के साथ मेरी बातचीत काफी सकारात्मक एवं सार्थक रही है।' 

चीन से तनाव के समय राजनाथ की यात्रा
राजनाथ सिंह की यह रूस यात्रा ऐसे समय हुई है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव है। गत 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ और इस हिंसक टकराव में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। इस घटना के बाद भारत और चीन दोनों ने एलएसी के समीप अपने अग्रिम मोर्चों पर सैनिकों की तादाद बढ़ा दी है।

एस-400 के लिए रूस से हुआ है करार
राजनाथ सिंह की यह यात्रा पहले से प्रस्तावित थी। भारत ने वायु रक्षा प्रणाली एस-400 खरीदने के लिए रूस से करार किया है लेकिन अभी तक इसकी आपूर्ति नहीं हो पाई है। रूस का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से इस रक्षा प्रणाली को भेजने में विलंब हुआ है। समझा जाता है कि रक्षा मंत्री ने एस-400 को जल्द भारत को सौंपने के मसले पर बात की होगी।