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'शायद हम यहीं मर जाएंगे', यूक्रेन-हंगरी बॉर्डर पर फंसे भारतीय छात्र ने बयां किया अपना दर्द

Updated Feb 26, 2022 | 15:26 IST

यूक्रेन में अब भी बड़ी संख्‍या में भारतीय छात्र फंसे हैं। ऐसे ही एक छात्र ने अपना दर्द बयां किया है। यूक्रेन-हंगरी बॉर्डर पर फंसे छात्र ने गहरी निराशा के साथ अपनी तकलीफ बयां की है।

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'शायद हम यहीं मर जाएंगे', यूक्रेन-हंगरी बॉर्डर पर फंसे भारतीय छात्र ने बयां किया अपना दर्द

Indian student stranded in Ukraine: यूक्रेन में रूस के हमले का आज तीसरा दिन है, जब हिंसा और तेज हो गई है। रूस ने यूक्रेन के मेलितोपोल शहर पर कब्‍जे का दावा किया है तो यूक्रेन ने भी रूसी विमानों को मार गिराने का दावा किया है। यूक्रेन का कहना है कि रूस के हमले में अब तक 198 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें तीन बच्‍चे भी शाम‍िल हैं। मुश्किलें यहां फंसे भारतीय छात्रों के लिए भी बढ़ रही हैं, जिनका कहना है कि यूक्रेन में किसी भी जगह अब वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

यहां करीब 16,000 भारतीय स्‍टूडेंट्स/नागरिकों के अब भी फंसे होने का अनुमान है, जिनकी सुरक्षित निकासी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में जो वक्‍त लग रहा है, उससे पहले ही मुश्किल हालातों का सामना कर रहे भारतीय छात्रों में असुरक्षा की भावना और घर कर गई है। यूक्रेन से छात्र लगातार रोमानिया व हंगरी की सीमाओं की तरफ बढ़ रहे हैं, जिनमें से कुछ तो मदद पाने में सफल हो रहे हैं, जबकि कुछ अब भी असुरक्षित माहौल में हैं।

वीडियो शेयर कर मांगी मदद

घर वापसी का इंतजार कर रहे ऐसे ही एक भारतीय छात्र राशिद रिजवान हैं, जिन्‍होंने यूक्रेन-हंगरी बॉर्डर से अपना एक वीडियो शेयर करते हुए भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। रिजवान के मुताबिक, हंगरी में प्रवेश के लिए वाहनों का एक काफिला खड़ा है। भारत के कुल 18 छात्र यहां पहुंचे हैं, लेकिन कई घंटों के इंतजार के बाद भी वे हंगरी की सीमा में दाखिल नहीं हो पाए। माइनस 2 डिग्री सेल्सियस में उन्‍हें बाहर ही रात गुजारनी पड़ी।

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भारतीय छात्र ने बताया कि यहां उनका संपर्क किसी भारतीय अधिकारी से नहीं हो पाया, जिनकी मदद से वे हंगरी की सीमा में दाखिल हो पाएं और स्‍थानीय प्रशासन के अधिकारी उन्‍हें हंगरी की सीमा में ले जाने से मना करते रहे। उन्‍होंने बताया कि उनके साथ कई छात्र शुक्रवार देर रात 1 बजे ही यहां पहुंच गए थे, लेकिन शनिवार सुबह 10 बजकर 17 मिनट के बाद तक भी वे हंगरी की सीमा में दाखिल नहीं हो पाए और न ही उनका भारतीय दूतावास के अधिकारियों से संपर्क हो पाया।

'शायद हम यहीं मर जाएंगे'

बुरी तरह हताश र‍िजवान ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, 'अब तक हम सीनियर होने के नाते जूनियर स्‍टूडेंट्स को दिलासा दे रहे थे, लेकिन अब खुद हमारी हिम्‍मत जवाब दे रही है। घरवाले पर‍ेशान हो रहे हैं। हम खुद यहां फंसे पड़े हैं। उम्मीदें अब टूट चुकी हैं, शायद हम यहीं मर जाएंगे, इंडिया नहीं जा पाएंगे।' रिजवान जैसे कई छात्र हैं, जो अब भी घर वापसी की राह देख रहे हैं। इस बीच रोमानिया से एयर इंडिया की एक फ्लाइट 219 छात्रों को लेकर मुंबई के लिए रवाना हो चुकी है।

219 भारतीयों को रोमान‍िया से लेकर मुंबई आ रहा व‍िमान, रेस्‍क्‍यू में जुटी टीम

एयर इंडिया ने आज भारतीयों की वापसी के लिए दो फ्लाट्स के संचालन की जानकारी दी थी, जिनमें से एक फ्लाइट रोमानिया और एक दूसरी हंगरी भेजे जाने की बात कही गई थी। भारत की रेस्‍क्‍यू टीम लगातार यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी के प्रयास में लगी हुई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर खुद पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। भारत के शीर्ष नेतृत्‍व ने इस संबंध में रूसी नेतृत्‍व से भी बात की है। यूक्रेन में फंसे अन्‍य भारतीय छात्रों को भी जल्‍द ही मदद मिलने की आस है।