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'हमारी हिम्‍मत जवाब दे रही', रूस-यूक्रेन जंग के बीच सूमी में फंसे भारतीय छात्र परेशान, बढ़ रही हताशा

Updated Mar 07, 2022 | 20:17 IST

Indian students in Sumy: यूक्रेन में युद्ध के कारण पैदा हुए हालात के बीच यहां फंसे भारतीय छात्रों में निराशा घर करती जा रही है। सूमी में भीषण बमबारी के बीच हालात रोजाना ब‍िगड़ रहे हैं, जिसके कारण लोगों की जान पर बन आई है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
बड़ी संख्‍या में भारतीय छात्र स्‍वदेश लौटे हैं, जो एयरपोर्ट पर अपने अभिभावकों से मिलकर भावुक हो गए तो उनके माता-पिता के आंसू भी थमने का नाम नहीं ले रहे

Indian students in Sumy Ukraine: यूक्रेन में रूस की सैन्‍य कार्रवाई को आज 12 दिन हो चुके हैं। इस दौरान यूक्रेन के कई शहरों में भीषण बमबारी हुई है, जिससे यहां व्‍यापक तबाही मची है। युद्ध के बीच यहां अब भी सैकड़ों भारतीय छात्र फंसे हैं, जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की से बातचीत भी हुई। प्रधामंत्री ने यूक्रेन के राष्‍ट्रपति से सूमी में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी को लेकर सहयोग मांगा है, लेकिन सूमी में मुश्किल हालातों का सामना कर रहे छात्रों में निराशा घर करती जा रही है, जिनका कहना है कि उनकी हिम्‍मत अब जवाब दे रही है और उन्‍हें उम्‍मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है।

सूमी से कई स्‍टूडेंट्स पहले भी वीडियो बनाकर अपनी परेशानियों का जिक्र कर चुके हैं। अब एक और छात्रा का वीडियो संदेश सामने आया है, जिसमें वह अपनी मुश्किलों का जिक्र करती सुनी जा रही है। सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्रा ने एक वीडियो संदेश में बताया है कि किस तरह वह और उसके साथ कुछ अन्‍य स्‍टूडेंट्स पिछले 10 दिनों से यहां से निकलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्‍हें अब तक कुछ भी समझ नहीं आ रहा कि वे यहां से कैसे निकलेंगे।

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मुश्किल में भारतीय छात्र

छात्रा के मुताबिक, यहां न तो बिजली है और न ही पानी। बैंक खातों में पैसे होने के बाद भी वे खानपीने की बेसिक चीजें भी नहीं खरीद पा रहे हैं, क्‍योंकि नकदी है नहीं, एटीएम से पैसे निकल नहीं रहे और दुकानदार क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से भुगतान नहीं ले रहे। ऐसे में उन्‍हें उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है कि उन्हें कब सूमी से निकाला जाएगा।

सूमी में फंसे एक अन्‍य छात्र का कहना है अब उनकी ह‍िम्‍मत जवाब दे रही है। छात्र के हवाले से PTI ने लिखा है, 'हमारी हिम्मत जवाब दे रही है। हमें अभी तक ताजा जानकारी का इंतजार है।' वहीं एक अन्‍य छात्र के मुताबिक, वे पैदल ही निकलने के लिए तैयार थे, लेकिन सरकार ने उन्‍हें रुकने और कोई जोखिम नहीं लेने के लिए कहा, जिसके बाद स्‍टूडेंट्स रुक भी गए, लेकिन किसी को नहीं पता कि आखिर कब तक यहां रुकना है और कैसे उनकी सुरक्षित निकासी होगी।

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सूमी में फंसे हैं 700 भारतीय

युद्धग्रस्‍त यूक्रेन के उत्‍तर-पूर्वी शहर सूमी में फंसे भारतीय छात्रों की संख्‍या लगभग 700 बताई जाती है, जहां बीते कुछ दिनों से यूक्रेनी और रूसी सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष चल रहा है। यूक्रेन के संकटग्रस्‍त क्षेत्र से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत लगातार प्रयास कर रहा है। सोमवार को यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की की बातचीत में भी उठा। पीएम मोदी ने यूक्रेन के विभिन्‍न हिस्‍सों से अब तक भारतीयों की सुरक्षित निकासी को लेकर मिले सहयोग के लिए जेलेंस्‍की को धन्‍यवाद दिया तो सूमी में फंसे भारतीयों की निकासी को लेकर भी इसी तरह का सहयोग मांगा।