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हिजाब न पहनने पर पुलिस ने दी इतनी खौफनाक सजा, कि थम गई 22 साल की महसा अमिनी की सासें

Updated Sep 17, 2022 | 14:26 IST

Mahsa Amini Dies: ईरान में हिजाब नहीं पहनने पर एक 22 साल की युवती को पुलिस ने इतने खौफनाक तरीके से टॉर्चर कर पीटा कि उसकी मौत हो गई।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
बिल्कुल स्वस्थ्य अमिनी गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही कोमा में चली गईं और फिर हो गई मौत
मुख्य बातें
  • हिजाब न पहनने पर इतना टार्चर किया कि चले गई युवती की जान
  • ईरान पुलिस ने महसा अमिनी को किया था गिरफ्तार
  • बिल्कुल स्वस्थ्य अमिनी गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही कोमा में चली गईं और फिर हो गई मौत

Mahsa Amini News, Iran: ईरान में एक युवती की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस ने उसे हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया था। ईरान की मीडिया और मृतक के परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है। 22 साल की महसा अमिनी अपने परिवार के साथ कुछ दिन पहले ईरानी राजधानी की यात्रा पर थीं तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उन्होंने हिजाब नहीं पहना था। ईरान में सख्त ईस्लामी ड्रेस कोड लागू है जिसमें सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं का हेडस्कार्फ़ पहनना अनिवार्य है।

स्वस्थ्य अमिनी कोमा में कैसे पहुंची?

फारसी भाषा के मीडिया ने पीड़िता के परिवार के हवाले से कहा है कि पहले स्वस्थ अमिनी को गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद कोमा में अस्पताल ले जाया गया था और अब उसकी मौत हो गई है। उसके थाने पहुंचने और अस्पताल जाने के बीच क्या हुआ यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। 1500तवसीर चैनल जो ईरान में उल्लंघन की निगरानी करता है, उसने कहा कि पीड़िता के सिर पर चोट लगी है। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों में दिख रहा है कि उस अस्पताल के बाहर भीड़ जमा है जहां महसा का इलाज चल रहा था और पुलिस वहां जमा हुए दर्जनों लोगों को तितर-बितर करने की कोशिश कर रही थी। तेहरान में शाम के समय लोगों को गुस्से में सरकार विरोधी नारे लगाते हुए भी देखा गया। 

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उठ रहे हैं सवाल

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा, 'जिन परिस्थितियों में 22 वर्षीय युवती महसा अमिनी की हिरासत में संदिग्ध मौत हुई, जिसमें यातना और हिरासत में अन्य दुर्व्यवहार के आरोप शामिल हैं और इसकी आपराधिक जांच होनी चाहिए।" ईरान में अमेरिकी राजदूत रॉबर्ट मैले ने महसा की मौत की जांच की मांग की है और कहा है कि इस तरह के अत्याचारों को रोकना चाहिए तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए। वहीं  पुलिस ने मारपीट के आरोपों का खंडन किया है। 

पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले

इससे पहले जुलाई में, एक महिला का वीडियो वायरल हुआ था जो सुरक्षाकर्मियों की वैन के सामने अपनी बेटी की रिहाई की गुहार लगाते हुए नजर आई थी। हिजाब वाली महिला वैन के रुकने के साथ ही उसे पकड़ती रही, गति बढ़ने के बाद ही महिला छिटकर दूर गिर गई। इसके अलावा जुलाई में, एक युवा ईरानी महिला, सेपिदेह रश्नो का तेहरान बस में एक अन्य महिला के साथ विवाद हो गया था जिसके बाद वह गायब हो गई। उस पर अपना हेडस्कार्फ़ हटाने का आरोप लगाया था।
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