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IS ने ली लंदन ब्रिज हमले की जिम्मेदारी, हमलावर को बताया 'फाइटर'

Updated Dec 01, 2019 | 09:06 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

IS takes responsibility of London Bridge: इस्लामिक स्टेट (IS) ने लंदन ब्रिज पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ले ली है। इसके हमलावर उस्मान खान को आईएस ने फाइटर बताया है।

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आईएस ने लंदन ब्रिज हमले की ली जिम्मेदारी
मुख्य बातें
  • लंदन ब्रिज हमले की जिम्मेदारी कुख्यात आतंकी समूह आईएस ने ली है
  • आईएस ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए हमलावर को फाइटर बताया है
  • हमलावर की पहचान पुलिस ने 28 वर्षीय उस्मान खान के रुप की थी
  • उस्मान खान पाकिस्तानी मूल का था जिसका मकसद कश्मीर में आतंक फैलाना था

लंदन : ब्रिटेन की राजधानी लंदन में ब्रिज पर हुए हमले की जिम्मेदारी कुख्यात आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ले ली है। लंदन ब्रिज हमले में दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। आईएस ने हमलावर उस्मान खान को एक 'फाइटर' बताया है। 28 वर्षीय खान ने शुक्रवार को लंदन ब्रिज पर पांच लोगों पर चाकू से हमला कर दिया था। उसे मौके पर ही गोली मार दी गई थी जिसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी।

हालांकि आईएस ने इस घटना के बारे में अन्य कोई सबूत जारी नहीं किए हैं। स्थानीय न्यूज एजेंसी स्पूतनिक के मुताबिक आईएस की तरफ से जारी दावे में कहा गया है कि ये हमला उन देशों को टार्गेट करने की तरफ एक कदम है जो एक साथ मिलकर आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। लंदन पुलिस ने हमले को एक आतंकी घटना करार दिया है।   

आईएस ने अपने खिलाफ कई देशों के समूह का जिक्र करते हुए कहा, ‘लंदन हमला करने वाला व्यक्ति इस्लामिक स्टेट का लड़ाका था और उसने गठबंधन देशों के नागरिकों को निशाना बनने के आह्वान के जवाब में ऐसा किया।’

लंदन पुलिस के मुताबिक खान 2012 में आतंकी घटना में दोषी साबित किया गया था जिसके बाद दिसंबर 2018 में उसे रिहा कर दिया गया था। लंदन पुलिस आतंकरोधी टीम प्रमुख नील बासु ने कहा कि संदिग्ध के बारे में आत्मघाती हमलावर का शक जताया जा रहा था लेकिन बाद में झूठ निकला। 

लंदन पुलिस ने शनिवार को हमलावर के बारे में अहम खुलासा करते हुए कहा था कि हमलावर उस्मान खान पाकिस्तानी मूल का है जिसकी उम्र 28 साल है। पुलिस के मुताबिक उस्‍मान खान की नजर अब कश्‍मीर पर थी और वह वहां अशांति व अस्थिरता फैलाना चाहता था। अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए वह आतंकी कैंप स्‍थापित कर उसमें ब्रिटिश नागरिकों की भर्ती करना चाहता था।