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गृहयुद्ध की तरफ बढ़ रहा है पाकिस्तान? कश्मीर नेशनल पार्टी अध्यक्ष मसर्रत आलम भट ने कही ये बात

Updated Apr 07, 2022 | 16:57 IST

पाकिस्तान में राजनीतिक हालात बेहद खराब है। पीएम इमरान खान ने असेंबली भंग कराकर राष्ट्रपति से चुनाव की सिफारिश करवा दी है। उधर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। 

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पाकिस्तान में गृहयुद्ध हो सकता है?

लंदन: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के पाकिस्तानी कार्यकर्ता शब्बीर चौधरी ने कहा कि देश में बिगड़ती राजनीतिक स्थिति के बीच पाकिस्तान गृहयुद्ध की ओर बढ़ सकता है। उन्होंने यह बयान बुधवार को पोस्ट किए गए अपने यूट्यूब वीडियो पर कश्मीर नेशनल पार्टी के अध्यक्ष मसर्रत आलम भट से सवाल पूछते हुए दिया। एएनआई के मुताबिक पाकिस्तान में गृहयुद्ध की संभावना के बारे में चौधरी के सवाल पर, भट ने जवाब दिया कि पाकिस्तान में गृह युद्ध की संभावना है क्योंकि पाकिस्तान में मौजूदा स्थिति अस्थिर है। उन्होंने सवाल किया कि क्या आपने पिछली सरकार में पाकिस्तान में ऐसी स्थिति देखी है?

भट ने कहा कि जब भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को लगता है कि वह समर्थन खोने वाले हैं, तो वह बच्चा बन जाते हैं और अलग-अलग गतिविधियां करने लगते हैं। उन्हें संदेह था कि इमरान खान के पीछे कुछ लोग हैं जो उनका समर्थन करते हैं क्योंकि उन्हें लगा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ((PPP) के अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के अध्यक्ष फजल-उर-रहमान जैसे पाकिस्तान के विपक्षी नेता हैं। इमरान खान से मजबूत हैं फिर भी खान की पार्टी ने उन्हें हरा दिया। भट ने इमरान खान की पत्नी की दोस्त फराह खान का जिक्र किया और कहा कि पाकिस्तान में संसद भंग होते ही वह अकेले दुबई चली गई थीं। उन्होंने उन पर रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया। 

चौधरी ने पाकिस्तानी चैनल पर इमरान खान के देशद्रोहियों के बयान का हवाला देते हुए पूछा कि जिस तरह से इमरान खान सभी को देशद्रोही कह रहे हैं और उन्हें फांसी देने की बात भी कह रहे हैं, वह देश के लिए खतरनाक है। इस पर भट ने जवाब दिया कि राष्ट्रीय चैनल पर पहले ही इस तरह का बयान देने वाले पीएम से आप और क्या उम्मीद कर सकते हैं।

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आधे घंटे की लंबी चर्चा के दौरान, दोनों ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देरी के खिलाफ दायर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के लिए नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी द्वारा उठाए गए कदमों की संवैधानिकता से संबंधित मामले पर चर्चा की। इस चर्चा में दोनों ने कोई उचित कारण नहीं बताया लेकिन कहा कि पेशावर और रावलपिंडी के बीच संघर्ष पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देरी का संभावित कारण हो सकता है।