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'मरहम पट्टी तक नहीं रुकेंगे, इस बार बीमारी का पूरा इलाज करेंगे', हमास पर इजरायल का बड़ा बयान

Updated May 20, 2021 | 11:55 IST

अमेरिका में इजरायल के राजदूत ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'हमें यह समझना चाहिए कि यह लड़ाई इजरायल और फलस्तीन के बीच नहीं है। यह लड़ाई इजरायल और आतंकवादी संगठन हमास के बीच है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
हमास पर इजरायल का बड़ा बयान।

नई दिल्ली : इजरायल और फलस्तीन के बीच टकराव और हमले के 11 दिन गुजर गए हैं लेकिन हालात में सुधार नहीं दिख रहा है। इजरायल की वायु सेना ने गुरुवार सुबह भी गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए। दुनिया के देशों की शांति एवं सुलह की अपील बेअसर साबित हो रही है। इस बीच, इजरायल की तरफ से बड़ा बयान दिया गया है। अमेरिका में इजरायल के राजदूत एलाड सट्रामेयर ने कहा है कि उनकी लड़ाई फलस्तीन से नहीं बल्कि आतंकवादी संगठन हमास से है। राजदूत ने कहा कि इस बार इजरायल 'मरहम पट्टी तक नहीं रुकेगा बल्कि बीमारा का पूरा इलाज करेगा।'

हमास ने उकसाया-इजरायली राजदूत 
अमेरिका में इजरायल के राजदूत ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'हमें यह समझना चाहिए कि यह लड़ाई इजरायल और फलस्तीन के बीच नहीं है। यह लड़ाई इजरायल और आतंकवादी संगठन हमास के बीच है। हम यह संघर्ष नहीं चाहते थे। यहां तक कि इसे रोकने और तनाव कम करने के लिए हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। लेकिन हमास हिंसा भड़काने के लिए उतारू था। अब हम उसके आतंकवादी नेटवर्क का सफाया कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच सीजफायर की बातें की जा रही हैं। लेकिन हम बीमारी का इलाज के बारे में सोच रहे हैं, मरहम पट्टी के बारे में नहीं।'

पिछले 11 दिनों से जारी है टकराव
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा है कि 'हमास के खिलाफ उनकी कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि इजरायली नागरिकों की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित नही हो जाती।' अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 11 दिनों के टकराव में इजरायल की ओर से अब तक हुए हमलों में 38 महिलाओं, 64 बच्चों सहित 227 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हुई है। जबकि इजरायल की तरफ 12 लोगों के मारे जाने की खबर है। 

दुनिया के कई देशों ने जाहिर की चिंता
गाजा पट्टी में हमलों पर मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी सहित दुनिया के कई देशों ने चिंता जाहिर की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को हमास के आतंकियों के साथ लड़ाई खत्म करने के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर दबाव बढ़ाते हुए कहा कि उन्हें गाजा हिंसा में 'महत्वपूर्ण कमी' की उम्मीद है और वह 'संघर्ष विराम का रास्ता' चाहते हैं।