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कोरोना पर बाइडेन के आदेश के बाद भड़क सकता है चीन, अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुफिया एजेंसियों को दिए 90 दिन

Updated May 27, 2021 | 09:45 IST

बाइडन का कहना है कि वायरस की उत्पत्ति किसी प्रयोगशाला से हुई या यह किसी जानवर से मनुष्य में आया, इसका पता लगाए जाने की जरूरत है। बाइडन ने खुफिया एजेंसियों को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 90 दिन का समय दिया है।

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कोरोना पर बाइडेन के आदेश के बाद भड़क सकता है चीन।
मुख्य बातें
  • चीन के वुहान शहर में पहली बार मिले थे कोरोना संक्रमण के केस
  • प्रयोगशाला में वायरस बनाने की बात से इंकार करता आया है चीन
  • पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप भी वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं

वाशिंगटन : कोरोना वायरस की उत्पत्ति अपने यहां होने से इंकार करने वाले चीन की मेरिका के साथ तल्खी बढ़ सकती है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोरोना वायरस की पैदाइश का पता लगाने के लिए अपनी खुफिया एजेंसियों को जो आदेश दिया है उससे बीजिंग का चिढ़ तय माना जा रहा है। बाइडन ने खुफिया एजेंसी को वायरस की उत्पत्ति के बारे में पता लगाने का आदेश दिया है। बाइडन का कहना है कि वायरस की उत्पत्ति किसी प्रयोगशाला से हुई या यह किसी जानवर से मनुष्य में आया, इसका पता लगाए जाने की जरूरत है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसके लिए खुफिया एजेंसियों को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 90 दिन का समय दिया है। 

बाइडेन ने खुफिया एजेंसियों से जांच तेज करने को कहा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपे एक बयान में कहा, 'अधिकांश खुफिया समुदाय को यह नहीं लगता है कि इसका आंकलन करने के लिए पर्याप्त जानकारी है कि किसकी संभावना अधिक है।' बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को जांच में सहायता करने का निर्देश दिया और चीन से महामारी की उत्पत्ति को लेकर अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'अमेरिका दुनिया भर में समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ काम करता रहेगा ताकि चीन पर पूर्ण, पारदर्शी, साक्ष्य-आधारित अंतरराष्ट्रीय जांच में भाग लेने और सभी प्रासंगिक आंकड़ों एवं साक्ष्यों तक पहुंच प्रदान करने के लिए दबाव डाला जा सके।'

'चीन सहयोग न भी करे तो भी नतीजे पर पहुंच सकते हैं'
बाइडन को लगता है कि चीन यदि जांच में सहयोग यदि न भी करे तो भी कोरोना की उत्पत्ति के बारे में एक ठोक नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस जिस जगह पर सबसे पहले फैला, वहां हमारे निरीक्षकों को जाने की अनुमति नहीं दिए जाने से कोरोना की उत्पत्ति के बारे में जांच प्रभावित हुई। बाइडन ने अपने बयान में कहा कि सूचनाओं एवं जानकारियों का विश्लेषण करने के लिए जांच एजेंसियों को अपने प्रयास दोगुने करने चाहिए। इससे हम निष्कर्ष निकालने के काफी करीब आएंगे। जांच एजेंसियों को यह काम 90 दिनों के भीतर करना होगा। 

चीन खुद को भुक्तभोगी बताता रहा है
वहीं, चीन कोरोना वायरस की उत्पत्ति के पीछे अपनी किसी भूमिका से इंकार करता आया है। चीन का कहना है कि वह इस महामारी से खुद पीड़ित है और उसने इस संक्रमण की जानकारी सबसे पहले दुनिया को दी। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीन की वुहान स्थित प्रयोगशाला में वैज्ञानिक कोरोना वायरस पर रिसर्च कर रहे थे। इसी दौरान यह वायरस वहां से लीक हो गया। चीन के शहर वुहान में ही संक्रमण के सबसे पहले मामले आए और फिर यहां से वायरस दुनिया के अन्य हिस्सों में फैला। 

वायरस के लिए ट्रंप ने चीन को बताया जिम्मेदार 
साल 2020 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वायरस की उत्पत्ति के लिए चीन पर तीखा हमला बोला। गत अक्टूबर में अपने एक वीडियो संदेश में ट्रंप ने इस महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस देश ने दुनिया को जिस संकट में डाला है उसके लिए उसे एक भारी कीमत चुकानी होगी। ट्विटर पर पोस्ट अपने एक वीडियो में ट्रंप ने कहा, 'मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि आपकी गलती की वजह से कोरोना का संकट उत्पन्न नहीं हुआ। यह चीन की गलती है और चीन ने अमेरिका एवं बाकी दुनिया के साथ जो किया है, उसके लिए वह एक भारी कीमत चुकाने जा रहा है।'