- 9/11 हमले के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति थे जॉर्ज डब्ल्यू बुश
- इस हमले को अलकायदा ने दिया था अंजाम
- ज्यादातर आत्मघाती हमलावर सऊदी अरब से थे
9/11 Attack: आज (11 सितंबर 2022) ही के दिन अमेरिका पर अलकायदा ने हमला किया था। जिसमें करीब तीन हजार लोग मारे गए थे। उस समय में जॉर्ज डब्ल्यू बुश अमेरिका के राष्ट्रपति थे और इस हमले को ओसमा बिन लादेन ने अंजाम दिया था। हालांकि लादेन के साथ इस हमले में कई ऐसे और लोग थे जिन्होंने इस हमले की रणनीति बनाई थी। वहीं अमेरिका में भी कई ऐसे ताकतवर शख्स थे जिन्हें इस हमले ने प्रभावित किया था। कई लोग सामने तो कई ने पर्दे के पीछे रहकर इस हमले के बाद अमेरिका को उबारने की कोशिश की थी। आइए जानते उन किरदारों के बारे में जो हमले के दौरान काफी चर्चित हुए थे। ये भी जानते हैं कि आज वो क्या कर रहे हैं...
एंड्रयू कार्ड (Andrew Card)- एंड्रयू हिल कार्ड जूनियर का जन्म 10 मई, 1947 को हुआ था। वो एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ और एकेडमिक प्रशासक थे। 2001 से 2006 तक राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के अधीन व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ थे। एंड्रयू कार्ड वो शख्स थे जिन्होंने इस हमले की जानकारी तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश को दी थी। बुश उस समय फ्लोरिडा में थे, एक स्कूल के कार्यक्रम में वो शामिल हो रहे थे।
इसी दौरान एंड्रयू कार्ड ने बुश से वो 11 शब्द कहे थे, जो इतिहास में दर्ज हो गए। हुआ यूं कि जब 11 सितंबर 2001 के दिन पहला विमान टकराया तो कार्ड आए और बुश को इसकी जानकारी दी। यहां तक सबकुछ नॉर्मल था। लेकिन जैसे ही दूसरा विमान टकराया तो कार्ड ने आकर वो 11 शब्द कहे थे। वो शब्द थे "A second plane hit the second tower. America is under attack, यानि कि एक दूसरा प्लेन भी टावर से टकराया है, अमेरिका पर हमला हुआ है।"
एंड्रयू कार्ड ने सरकारी से लेकर निजी क्षेत्र तक में काम किया है। फिलहाल वो 75 साल के हो चुके हैं और अपना रिटायर जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
खालिद शेख मुहम्मद (Khalid Sheikh Mohammed)
अगर खालिद शेख मुहम्मद न होता तो शायद ओसामा बिन लादेन को इस हमले के तरीकों के बारे में पता नहीं चलता और शायद ही यह हमला होता। दरअसल विमान हाईजैक करके हमले को अंजाम देने की योजना खालिद की ही थी। उसी ने पूरी योजना बनाई थी, इस हमले से पहले उसने एक और हमला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में किया था, तब छह लोग मारे गए थे। इसी के बाद उसने बड़े हमले की योजना बनाई थी, लेकिन पैसे के कारण शांत बैठा रहा, जिसके बाद वो ओसमा बिन लादेन से मिला और उसी ने इस हमले को फाइनेंस किया था। जिसके बाद इस हमले को अंजाम दिया गया।
इस हमले के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए इसे पागलों की तरह ढूंढने में लगी थी। इसे भी पाकिस्तान से सीआईए ने गिरफ्तार किया था। आज ये अमेरिका के सबसे खतरनाक जेल ग्वांतनामो बे में बंद है।
जॉर्ज डब्लू बुश (George W Bush)
9/11 पर हमले के दौरान जॉर्ज डब्लू बुश ही अमेरिका के राष्ट्रपति थे। इस हमले से पहले उनका कार्यकाल शानदार रहा था। इस हमले के बाद एक राष्ट्रपति के रूप में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती सामने आई थी। इस हमले के बाद बुश ने अलकायदा को खत्म करने की कसम खाई और खोज-खोज कर सबको मारा या गिरफ्तार करके ग्वांतनामो बे जेल में बंद कर दिया।
2009 में जॉर्ज डब्लू बुश का राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म हो गया और वो तबसे ही अपनी रिटायरमेंट की जिंदगी जी रहे हैं। राष्ट्रपति के पद पर रहने के बाद भी वो काफी लो प्रोफाइल हैं और फिलहाल टेक्सास में रहते हैं।\
ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden)
इस हमले के समय ओसामा बिन लादेन ही अलकायदा का चीफ था। उसी ने पैसे और आत्मघाती हमलावर जुटाए थे। दिमाग खालिद शेख मुहम्मद का और बाकी खेल ओसामा बिन लादेन का। इस हमले के बाद ओसामा, अमेरिका का नंबर एक दुश्मन बन गया था। इसकी तलाश में अमेरिका अफगानिस्तान पहुंचा, इसके ठिकानों पर हमला भी हुआ, लेकिन ये तबतक वहां से ये भाग गया था। दरअसल अमेरिका की पीठ में उसका अपना ही सहयोगी छुरा भोंक रहा था। एक तरफ पाकिस्तान ही ओसामा को अपने यहां छिपा रखा था, दूसरी और अमेरिका से साथ मिलकर वो उसे खोजने का नाटक कर रहा था। एक दिन जब अमेरिका को ओसामा के पाकिस्तान में छिपे होने की जानकारी मिली, तो उसने रात के अंधेरे में ऐसे गुप्त ऑपरेशन को अंजाम दिया कि पाकिस्तान को भनक भी नहीं लगी और ओसामा बिन लादेन को यूएस की सेना ने मार गिराया।
अल-जवाहिरी (Al Zawahiri)
ओसामा बिन लादेन को जब अमेरिका ने पाकिस्तान में मार गिराया तो अलकायदा की गद्दी अल-जवाहिरी के पास गई थी। जवाहिरी भी 9/11 के हमले में लादेन के साथ मास्टरमाइंड था, लेकिन ये अमेरिका के हाथ नहीं लगा। इसकी तलाश में अमेरिका लगा रहा लेकिन उसे जवाहिरी को मारे बिना ही अफगानिस्तान से जाना पड़ गया। अल-जवाहिरी को लगा कि तालिबान के राज में वो सुरक्षित है, लेकिन अमेरिका तो ठहरा अपनी जिद का पक्का। उसे जैसे ही पता चला कि जवाहिरी, अफगानिस्तान में छिपा है, उसने उसे वहीं बिना घुसे मार गिराया।