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Mikhail Gorbachev: शीत युद्ध खत्म कराने वाले सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव का निधन, USSR के टूटने के बाद रूस में बन गए थे 'विलेन'

Updated Aug 31, 2022 | 16:56 IST

Mikhail Gorbachev Dies: 1985 में सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बनने के बाद, गोर्बाचेव ने कुछ राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता की शुरुआत करके व्यवस्था को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया था।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव का निधन
मुख्य बातें
  • शीत युद्ध खत्म कराने पर मिला था शांति का नोबेल पुरस्कार
  • सोवियत संघ के टूटने के बाद रूस की राजनीति में हाशिये पर थे मिखाइल गोर्बाचेव
  • मिखाइल गोर्बाचेव पर लगते रहे थे 'अमेरिका के एजेंट' होने का आरोप

Mikhail Gorbachev Dies: सोवियत यूनियन (USSR) के आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव का 91 साल की आयु में निधन हो गया है। वो काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन समेत विश्व के कई नेताओं ने शोक जताया है।

USSR के आखिरी राष्ट्रपति

यूनाइटेड यूनियन ऑफ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (USSR) के मिखाइल गोर्बाचेव आखिरी नेता थे। दुनिया भर में शीत युद्ध को खत्म कराकर शांति बहाल करने के लिए उनका नाम जाना जाता है, लेकिन इसके बाद वो अपने खुद के सोवियत संघ को बचा नहीं पाए थे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था।

राजनीति में हाशिये पर

जब सोवियत संघ को टूटने से मिखाइल गोर्बाचेव बचाने में असफल रहे और उनके खिलाफ तख्तापलट की कोशिश हुई तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद जब रूस में चुनाव हुए तो वो फिर से अपनी किस्मत आजमान के लिए उतरे, लेकिन असफल रहे। वो सातवें स्थान पर रहे। इसके बाद मिखाइल गोर्बाचेव, वर्तमान रूसी राष्ट्रपति पुतिन के जबरदस्त आलोचक बन गए थे। जिसके बाद से पुतिन के साथ उनके संबंध खराब हो गए थे। 

रूस में बने 'विलेन'

दरअसल मिखाइल गोर्बाचेव जब सोवियत संघ के राष्ट्रपति बनें तो शीत युद्ध चरम पर था। पश्चिम बनाम सोवियत की लड़ाई अपने खतरनाक स्तर पर थी। हथियारों की होड़ लगी थी। मिखाइल गोर्बाचेव इसी को खत्म करने में जुट गए। अमेरिका से परमाणु समझौता किया, अफगानिस्तान में लड़ाई खत्म कर दी और आर्थिक सुधारों को लागू किया। इन सब से दुनिया को तो फायदा हुआ लेकिन सोवियत संघ इसी के कारण टूट गया। इसके बाद मिखाइल गोर्बाचेव रूस में ही विलेन बन गए। उन पर अमेरिका के एजेंट होने के आरोप भी लगे। रूस में कई लोग उन्हें सोवियत संघ के पतन और 1990 के दशक की शुरुआत में देश में देखे गए सामाजिक और आर्थिक संकटों के लिए जिम्मेदार मानते हैं। हालांकि उनके शांति के प्रयासों के कारण 1990 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला।

पत्नी के बगल में दफयनाा जाएगा

मिखाइल गोर्बाचेव को मॉस्को के नोवोडेविची कब्रिस्तान में उनकी पत्नी रायसा के बगल में दफनाया जाएगा।  गोर्बाचेव की पत्नी की 1999 में मृत्यु हो गई थी। 

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