वाशिंगटन : अफगानिस्तान पर तालिबान के सत्ता में आने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन बैकफुट पर हैं। संकटग्रस्त देश से सेना की जल्दबाजी में वापसी को लेकर उनकी आलोचना हो रही है तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अफगानिस्तान से वापसी का काम 31 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। इस बीच उन्होंने अफगानिस्तान की नई सरकार की वैधता को लेकर भी अपनी बात रखी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'अफगानिस्तान में भविष्य की सरकार की वैधता इस बात पर निर्भर होती है कि अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने में यह (तालिबान) कौन सा रुख अपनाता है, जिनमें से एक यह भी है अफगानिस्तान को किसी भी तरह के आतंकवाद का अड्डा न बनने दिया जाए।'
'तालिबान की गतिविधियों पर लेंगे फैसला'
उन्होंने कहा, 'हम उनके बारे में उनकी गतिविधियों के आधार पर फैसला लेंगे। तालिबान की गतिविधियों और उसके व्यवहार को ध्यान में रखते हुए हम जो भी कदम उठाएंगे, वह आपसी समन्वय से होगा।'
जो बाइडन ने कहा, 'इस बीच हम अफगान लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं और अफगानिस्तान में मानवीय सहायता को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं।'
यहां उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर ताबिलान के कब्जे के बाद से बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर पलायन कर रहे हैं। बाइडन के मुताबिक, 14 अगस्त से अब तक 70,700 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला जा चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह कहते हुए अफगानिस्तान से लोगों को एयरलिफ्ट कराने के काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है कि मुल्क में अब इस्लामिक स्टेट का खतरा बढ़ रहा है।