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Pakistan में बड़ा सैन्य फेरबदल, जानिए कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम; जिन्हें इमरान ने बनाया ISI का नया चीफ

Updated Oct 06, 2021 | 17:55 IST

पाकिस्तान की इमरान सरकार ने बड़ा सैन्य फेरबदल किया है। खुफिया एजेंसी आईएसआई के मुखिया जनरल हमीद को हटाकर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को नया महानिदेशक बनाया गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
इमरान ने लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को बनाया ISI का नया चीफ
मुख्य बातें
  • इमरान ने लेफ्टिनेंट जनरल हमीद फैज को आईएसआई के मुखिया पद से हटाया
  • लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम बने पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के मुखिया
  • कमांडर स्तर पर औऱ भी सैन्य फेरबदल किए

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में बड़ा सैन्य बदलाव हुआ है। लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का नया महानिदेशक नियुक्त किया गया है। इस बीच, आईएसआई के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को पेशावर कोर कमांडर के रूप में तैनात किया गया है। एक बयान में, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने अन्य पोस्टिंग की भी घोषणा की, जिसमें कहा गया कि लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद सईद को कराची कोर कमांडर के रूप में तैनात किया गया है वहीं लेफ्टिनेंट जनरल नौमान महमूद को राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मेजर जनरल असीम मलिक को लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया है और साथ ही सेना के एडजुटेंट जनरल भी नियुक्त किया गया है।

और भी सैन्य फेरबदल

इससे पहले, ISPR ने घोषणा की कि लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद आमिर को गुजरांवाला कोर कमांडर के रूप में तैनात किया गया है, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को क्वार्टर मास्टर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है। आईएसआई के महानिदेशक की नियुक्ति प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। हालांकि, प्रधानमंत्री द्वारा सेना प्रमुख के परामर्श से ISI के मुखिया का चुनाव किया जाता है।

कौन हैं नए आईएसआई चीफ?

लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम पहले कराची कोर के कमांडर थे। उन्हें सितंबर 2019 में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया था। पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी के 78वें लॉन्ग कोर्स और पंजाब रेजिमेंट से आने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम ने कमांड एंड स्टाफ कॉलेज, क्वेटा के कमांडेंट के रूप में भी काम किया है। अंजुम आईएसआई की कमान संभालने से पहले  बलूचिस्तान फ्रंटियर कॉर्प्स (उत्तर) के महानिरीक्षक रह चुके हैं और बलूचिस्तान में उनकी अगुवाई में कई सफल आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए हैं।

उन्हें आतंकवाद को खत्म करने के लिए दी गई विशेष सेवाओं के लिए 'मोहसिन ए बलूचिस्तान' की उपाधि दी गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, नदीम के अधीनस्थ उसे "ग्लेशियर दिमाग वाला लआदमी" कहते हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वह एक अच्छे श्रोता हैं जो, घंटों चीजों को देखता है और संक्षिप्त रूप से बोलता है।