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85 साल की उम्र में फिर दूल्हा बना 'मियां मिट्ठू', पाक में हिंदू परिवार खाते हैं इससे खौफ

Mian Abdul Haq alias 'Mian Mithoo' marries for the second time
Updated Apr 09, 2021 | 11:36 IST

Mian Abdul Haq : अब्दुल हक की पहली पत्नी अभी जिंदा है। उसकी यह शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। 'मियां मिट्ठू' दरगाह भरचूंदी शरीफ का पीर है।

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Mian Abdul Haq alias 'Mian Mithoo' marries for the second time Mian Abdul Haq alias 'Mian Mithoo' marries for the second time
तस्वीर साभार:&nbspTwitter
पाकिस्तान में हिंदू परिवार खाते हैं मियां मिट्ठू से खाते हैं खौफ।

कराची : सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तित कर जबरन शादी कराने वाले मियां अब्दुल हक ने फिर से निकाह किया है। 'मियां मिट्ठू' नाम से मशहूर अब्दुल हक की उम्र 85 साल है और इस बार उसने 45 साल से ज्यादा उम्र की एक विधवा से दूसरी शादी की है। अब्दुल हक की पहली पत्नी अभी जिंदा है। उसकी यह शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। 'मियां मिट्ठू' दरगाह भरचूंदी शरीफ का पीर है। उसके परिवार से जुड़े सूत्रों ने उसकी दूसरी शादी की पुष्टि की है। 

महिला की उम्र 45 साल से अधिक
जिओ टीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि विवादित धार्मिक नेता ने जिस विधवा महिला से शादी की है, उसकी उम्र 45 साल से अधिक है। 'मियां मिट्ठू' नेशनल असेंबली में पूर्व सांसद रह चुका है। सूत्रों का कहना है कि उसने जाम अब्दुल सत्तार डहार की बेटी से शादी की है। बताया जाता है कि 'मियां मिट्ठू' के 100 से ज्यादा लड़के, लड़किया, नाती और पोते हैं। 

हिंदू लड़कियों की जबरन कराता है शादी
'मियां मिट्ठू' की हचान हिंदू व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को जबरन मुस्लिम बनाने की रही है। उसके खिलाफ हिंदुओं के खिलाफ हमले के लिए उकसाने के आरोप भी हैं। हिंदू और अल्पसंख्यक समुदाय को प्रताड़ित करने  लिए उसे गिरफ्तार करने की मांग को लेकर पाकिस्तान में प्रदर्शन भी हुए हैं। 'मियां मिट्ठू' संभ्रांत परिवार से आता है। धार्मिक नेता के रूप में उसकी घोटकी इलाके के मुस्लिम परिवारों पर प्रभाव है। उसके इस प्रभाव के चलते ही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने साल 2008 में उसे टिकट दिया था। घोटकी से चुनाव जीतकर वह नेशनल असेंबली पहुंचा। 

इमरान ने अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था
साल 2015 में इमरान खान ने 'मियां मिट्ठू' को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था। खान के इस प्रस्ताव को हिंदू समुदाय की व्यापक आलोचना का शिकार होना पड़ा।