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Pakistan Flood: पाकिस्तान में 348 बच्चों समेत 1000 से ज्यादा की मौत, मदद के लिए आगे आए खाड़ी देश

Updated Aug 29, 2022 | 00:08 IST

पिछले 24 घंटों में, लगभग 0.95 मिलियन घर और 0.72 मिलियन पशु बाढ़ में डूब गए है। 3116 किलोमीटर राजमार्ग और 149 पुल भी बह गए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
पाकिस्तान में बाढ़ का कहर
मुख्य बातें
  • पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण उफान पर हैं नदियां
  • लाखो लोग कैंपों में रहने को हैं मजबूर
  • बाढ़ से पांच करोड़ लोग प्रभावित

पाकिस्तान में बाढ़ का कहर जारी है। 348 बच्चों समेत 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। सेना राहत और बचाव कार्य में जुटी है। इसी बीच अब खाड़ी देशों से पाकिस्तान को मदद मिलने लगी है। 

बाढ़ से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में पिछले 24 घंटों में कम से कम 119 लोग मारे गए और 70 से अधिक घायल हो गए हैं। बाढ़ ने अबतक 1,030 से अधिक लोगों की जान ले ली है, जिसमें सिंध में 74, के-पी में 31, गिलगित-बाल्टिस्तान (जी-बी) में छह, बलूचिस्तान में चार और पंजाब में एक मौत हुई है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में बाढ़ में मरने वालों में 32 बच्चे, 56 पुरुष और नौ महिलाएं शामिल हैं, जबकि पीड़ितों की संख्या 5.77 लाख पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में, लगभग 0.95 मिलियन घर और 0.72 मिलियन पशु बाढ़ में डूब गए है। जबकि 3116 किलोमीटर राजमार्ग और 149 पुल भी बाढ़ में बह गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार सिंध में 0.49 मिलियन, पंजाब में 0.45 मिलियन और बलूचिस्तान में 0.36 मिलियन लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 

भारी बारिश से अचानक आई बाढ़ ने गांवों और फसलों को बहा दिया है। नदियों के उफान के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। इनके लिए कैंप बनाए गए हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अपील पर अब खाड़ी देशों से मदद आने लगी है। संयुक्त अरब अमीरात से बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर जहाज रावलपिंडी पहुंच चुका है। राहत सामग्री में टेंट, खाने-पीने का सामान, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान शामिल है। 

यूएई से आने वाले दिनों में राहत सामग्री लेकर 15 और विमान पाकिस्तान पहुंचेंगे। वहीं तुर्की से राहत सामग्री ले जा रहे दो जहाजों के सोमवार तक कराची पहुंचने की उम्मीद है।

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