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NASA को टालना पड़ा Artemis I Moon Mission: इंजन में थी दिक्कत, अपोलो प्रोग्राम के पांच दशक बाद का है मानव मिशन

Updated Aug 29, 2022 | 19:45 IST

NASA Artemis I Moon Mission: नासा के अधिकारियों ने कहा कि बाद में एक महत्वपूर्ण हिस्से में दरार या कुछ अन्य खामी दिखाई दी। इंजीनियरों ने इसका अध्ययन शुरू कर दिया।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
(फोटोः @nasahqphoto)
मुख्य बातें
  • प्रक्षेपण की अंतिम तैयारियों के दौरान ईंधन के रिसाव और संभावित दरार का पता चला
  • नासा ने रॉकेट में 10 लाख गैलन हाइड्रोजन-ऑक्सीजन भरने की प्रक्रिया को रिसाव के चलते बार-बार रोका
  • रिसाव वहीं दिखाई दिया जहां पहले भी ड्रेस रिहर्सल के दौरान सीपेज दिखाई दिया था

NASA Artemis I Moon Mission: अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने सोमवार (29 अगस्त, 2022) को तकनीकी इंजन में गड़बड़ी के चलते आर्टेमिस वन (Artemis I) नाम के मानव रहित अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली (एसएलएस) चंद्रमा मिशन (Moon Mission) को टाल दिया। नासा ने एक ट्वीट में बताया कि लॉन्च को फिलहाल होल्ड कर दिया गया है क्योंकि इंजीनियरों ने रॉकेट के इंजन में से एक में कोई समस्या देखी।

अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, "टीम एटदरेट नासा एसएलएस कोर स्टेज पर इंजन नंबर तीन के साथ एक मुद्दे पर काम कर रही है।" वैसे, नासा बाद में एक और लॉन्च की तारीख जारी करेगा। इस बीच, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि यह डेट दो सितंबर, 2022 हो सकती है।

हालांकि, इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। नासा के सहायक प्रक्षेपण निदेशक जेरेमी ग्रेबर ने कहा कि अगर सोमवार सुबह प्रक्षेपण नहीं हो सका तो अगला प्रयास शुक्रवार से पहले नहीं किया जा सकेगा।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने पिछले हफ्ते चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास 13 उम्मीदवार लैंडिंग क्षेत्रों की पहचान की थी, क्योंकि यह 2024 में आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत मनुष्यों को चंद्रमा पर वापस भेजने की तैयारी कर रहा है।

प्रत्येक क्षेत्र में आर्टेमिस 3 के लिए कई संभावित लैंडिंग साइट हैं, जो चंद्रमा की सतह पर चालक दल लाने के लिए आर्टेमिस मिशनों में से पहला होगा।

दरअसल, आर्टेमिस वन गहरे अंतरिक्ष में जाएगा। यह पृथ्वी पर वापस आने से पहले चंद्रमा के चारों ओर एक लंबी परिक्रमा करेगा। यह चंद्रमा पर और उसके आसपास लंबे समय तक मौजूद रहने की नींव रखेगा।

यह प्रक्षेपण 50 साल पहले अपोलो कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद से पहली बार चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने के अमेरिका के प्रयास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)