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नवाज शरीफ ने पहली बार कबूला- हां, पाक सेना के पास कारगिल युद्ध में ना तो खाना था, ना ही हथियार थे

Updated Oct 26, 2020 | 09:14 IST

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इन दिनों पाकिस्तान के मौजूदा पीएम इमरान खान पर जोरदार हमले कर रहे हैं। नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध को लेकर बड़ा कबूलनामा किया है।

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पाक सेना के पास कारगिल युद्ध में ना खाना था, ना हथियार: नवाज
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान के पूर्व प्रधानंमंत्री नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध को लेकर दिया बड़ा बयान
  • नवाज शरीफ बोले- कारगिल युद्ध के दौरान पाक सेना के पास नहीं थे ढंग के हथियार
  • कारगिल युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह दी थी मात

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध को लेकर कई खुलासे किए हैं। उन्होंने पहली बार कबूल किया कि कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान फौज के पास ना तो हथियार थे और ना ही खाने के लिए भोजन। उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व आर्मी जनरल और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशरर्फ को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि कारगिल युद्ध पाकिस्तानी सेना ने नहीं बल्कि चंद फौजी जनरलों ने शुरू किया था जिसकी वजह से दुनियाभर में पाकिस्तान की घोर बेईज्जती हुई।

चंद जनरलों का था फैसला
लंदन से पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की तीसरी रैली को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि इस युद्ध में सेना को बिना रसद और बिना असलहे के लड़ने के लिए ऊंची चोटियों पर भेज दिया गया। नवाज शरीफ ने आगे कहा, 'कारगिल में हमारे सैकड़ों जाबांजों को शहीद करवाने और दुनियाभर में पाकिस्तान को रूसवां करने का फैसला फौज का नहीं था, चंद जरनलों का था, उन लोगों ने सिर्फ अपने स्वार्थ के खातिर फौज को एक ऐसी जगह जंग में झोंक दिया, जिसका कोई फायदा हासिल नहीं होना था।

बिना असलहे के भेजा कारगिल

कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए नवाज शरीफ ने कहा, 'वो लम्हा मेरे लिए बहुत तकलीफदेह था। जब मुझे ये पता चला कि हमारे बहादुर सिपाही ये दुहाई देते रहे कि दूर चोटियों पर अगर खुराक नहीं है तो कम से कम हथियार तो भिजवाएं.. इस युद्ध से हमें क्या हासिल हुआ।' कारगिल ऑपरेशन के पीछे वहीं किरदार थे जिन्होंने अपने काली करतूतों पर पर्दा डालने के लिए 12 अक्टूबर 1990 को बगावत की और सत्ता परिवर्तन किया। ये परवेज मुशरर्फ और उनके लोग थे जिन्होंने फौज को बदनाम किया।

इमरान सरकार को हटाने के लिए 20 दलों ने मिलाए हाथ
आपको बता दें कि इन दिनों पाकिस्तान में ग्यारह विपक्षी दलों के पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नाम के गठबंधन ने इमरा सरकार की नाक में दम कर रखा है। इसकी रैलियों में लाखों की संख्या में लोग जुट रहे हैं। रविवार को बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में सुरक्षा खतरों के बावजूद पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान को अपदस्थ करने के राष्ट्रीय अभियान के तहत रविवार को अपनी तीसरी बड़ी सामूहिक रैली आयोजित की। इस रैली को नवाज शरीफ ने भी संबोधित किया। यह गठबंधन 20 सितंबर को बनाया गया था। इससे पहले यह गठबंधन इस महीने गुजरांवाला और कराची में दो बार सफल शक्ति प्रदर्शन कर चुका है।