- कोरोना वायरस के संक्रमण से पहले ही जूझ रहा है पाकिस्तान
- पोलियो के नए तीन मामलों ने उसका स्वास्थ्य संकट बढ़ाया
- देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सामने आए हैं तीन नए मामले
इस्लामाबाद : कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों से पाकिस्तान पहले ही परेशान है। अब उसके यहां पोलियो के नए केस सामने आए हैं इससे उसकी मुसीबतें और बढ़ गई हैं। पोलियो के नए केस आने पर पाकिस्तान में स्वास्थ्य संकट और बढ़ गया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने डॉन के हवाले से बताया है कि देश के उत्तर पश्चिमी राज्य खैबर पख्तूनख्वा में पोलियो से तीन बच्चे पैरलाइज हो गए हैं। पाकिस्तान में इस साल पोलियो बीमारी से ग्रसित होने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय सवास्थ्य संस्थान के लिए काम करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि लक्की मरवात जिले में एक नौ साल का बच्चा पोलियो की चपेट में आया है। इस बच्चे का ऊपरी दाहिना हिस्सा पैरालाइज हो गया है। यह बच्चा पोलियो से ग्रसित तीन बच्चों में से एक है।
पोलियो को अत्यंत संक्रामक बीमारी माना जाता है। पोलियोवायरस से फैलने वाली यह बीमारी मुख्य रूप से पांच साल की उम्र तक के बच्चों को अपनी चपेट में लेती है। इसके वायरस पहले तंत्रिका तंत्र पर हमला बोलते हैं और इसके बाद धीरे-धीरे पूरे शरीर को पैरालाइज कर देते हैं। गंभीर मामलों में इस बीमारी से बच्चों की मौत भी हो जाती है। इस बीमारी से बचने का कोई इलाज नहीं है। बस टीकाकरण के जरिए ही बच्चों को पोलियो से बचाया जा सकता है।
दुनिया के ज्यादातर देशों ने पोलियो पर विजय पा ली है लेकिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान से अभी भी इसके मामले सामने आते रहे हैं। पोलियो के मामले को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2014 में पाकिस्तानी नागरिकों की विदेश यात्रा पर कुछ पांबदियां लगाई थीं। इसके बाद से पाकिस्तानी नागरिकों को अपनी विदेश यात्रा के दौरान पोलियो टीकाकरण का प्रमाणपत्र और अन्य वैध दस्तावेज रखने होते हैं।
पाकिस्तान इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है। देश का सिंध प्रांत में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां इस बीमारी से अब तक 1600 से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से 17 लोगों की मौत हो गई है। पाकिस्तान में इस वायरस से संक्रमित होने वाले ज्यादातर लोग ईरान से लौटे हैं। पाकिस्तान सरकार ने ईरान की सीमा पर ताफतान इलाके में क्वरेंटाइन कैंप बनाए हैं। अब पाकिस्तान को चीन से चिकित्सा सुविधाएं एवं उपकरण मिलना शुरू हो गए हैं।