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...तो क्या गर्मी आने पर भी कम नहीं होगा कोरोना वायरस का कहर? रिसर्च से जुड़े विशेषज्ञों ने कही ये बात

Updated Mar 10, 2020 | 00:00 IST

बीते दिनों ऐसी बातें सुनने को मिली थीं कि गर्मी आने और तापमान बढ़ने के साथ महामारी की तरह फैले कोरोना वायरस के कहर में कमी आएगी। लेकिन रिसर्च के आधार पर अब विशेषज्ञ कुछ और ही बात कह रहे हैं।

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मौसम का कोरोना वायरस पर असर

नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से गिरते तापमान और कोरोना वायरस के डर के बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना वायरस के प्रसार और तापमान के उतार-चढ़ाव के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ है। विशेषज्ञों ने कहा कि कोविड-19 मानव संपर्क के जरिए फैलता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह हाथ धोने संबंधी एहतियात का पालन करें और भीड़भाड़ में जाने से बचें।

खबरों के मुताबिक भारत में अब तक इसके संक्रमण की 43 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं दुनियाभर में 100 देशों के 110,000 लोग संक्रमित हैं और 3,800 से ज्यादा लोगों की मरने की पुष्टि हो चुकी है। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि रिसर्च यह कहती है कि हवा में आर्द्रता सामान्य तौर पर वायरस के प्रसार में मदद करती है लेकिन तापमान बढ़ने से यह जरूरी नहीं है कि यह वायरस को मारने में मदद करे।

उन्होंने कहा कि सिंगापुर जैसे गर्म और आर्द्र मौसम वाले देश भी कोरोना वायरस के खतरे का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में तापमान में गिरावट आई है और पिछले तीन-चार दिनों से पारा 11 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच में रह रहा है। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य सेवा की महानिदेशक नूतन मुंदेजा ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार में बढ़ते या गिरते तापमान का संबंध अभी तक स्थापित नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘वायरस मानव संपर्क के जरिए फैलता है।’ मैक्स हेल्थकेयर के समूह चिकित्सा निदेशक और इंटरनल मेडिसीन इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ निदेशक संदीप बुद्धिराजा ने कहा कि कोविड-19 नए तरह का वायरस है और वैज्ञानिक समुदाय इसके बारे में ज्यादा नहीं जानता है।

बुद्धिराजा ने कहा, ‘हमने पुराने फ्लू वायरस में यह देखा है कि वे सामान्य तौर पर ठंडे और शुष्क मौसम में पैदा होते और फैलते हैं। अगर मौसम गर्म है तो वह पैदा नहीं होते हैं। इनका प्रसार 30 डिग्री सेल्सियस तापमान से ज्यादा में नहीं होता है। ऐसा कई पुराने मामले में देखा गया है।’ एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निरीक्षक डॉक्टर किशोर सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस गर्म मौसम में पैदा नहीं होते हैं लेकिन ठंडे मौसम में इनका जीवन बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के तौर पर अगर इसका जीवन आठ घंटे का होता है तो यह ऐसे मौसम में एक या दो दिन जिंदा रह सकते हैं। हालांकि अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित के नजदीकी संपर्क में कोई आता है तो उसके भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप में फ्लू के लक्षण हैं तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है और अगर आप एहतियात भी बरतेंगे तो आप सुरक्षित रहेंगे।’