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UK: कोरोना वैक्सीन का दूसरा चरण शुरू होने से जगी उम्मीदें, 10 हजार लोगों पर होगा परीक्षण

Updated May 23, 2020 | 09:58 IST

Oxford Coronavirus vaccine: ब्रिटेन में दस हजार लोगों पर कोरोना वायरस वैक्सीनके परीक्षण की तैयारी शुरू कर दी गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
सांकेतिक फोटो

लंदन: कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से दुनिया में फैल रहा है। इस खतरनाक वायरस के चलते दुनिया में अब तक तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकतर देशों ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं। इस बीमारी को खत्म करने के लिए दुनिया में वैज्ञानिक लगातार कोशिश कर रहे हैं। कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी की पर लगाम लगाने का सबसे प्रभावी तरीका टीका (वैक्सीन) है। ब्रिटिश वैज्ञानिक भी इसी कोशिश में जी जान से जुटे हैं और उनकी यह जद्दोजहद अगले चरण में पहुंच गई है। ब्रिटेन में दस हजार लोगों पर कोरोना वैक्सीन के परीक्षण की तैयारी शुरू कर दी गई है। अगर इंसानी परीक्षण का दूसरे चरण सफल रहता है तो दुनिया के लिए बड़ी राहत की बात होगी। 

'बुजुर्गों पर भी इस वैक्सीन का परीक्षण'

पिछले महीने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने प्रायोगिक टीके का प्रभाव और सुरक्षा की जांच करने के लिए एक हजार से अधिक स्वयंसेवकों पर परीक्षण की शुरुआत की थी। वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी योजना अब पूरे ब्रिटेन में बच्चों और बुजुर्गों सहित 10,260 लोगों पर इस टीके का परीक्षण करने की है। पीटीआई के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में टीका विकसित करने की काम में लगी टीम का नेतृत्व कर रहे एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, 'चिकित्सीय अध्ययन बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है और हम बुजुर्गों में भी इस टीके का परीक्षण शुरू करने जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह टीका पूरी आबादी को सुरक्षा मुहैया करा सकता है।'

विकसित टीके की खुराक के लिए करार

इस हफ्ते की शुरुआत में दवा निर्माता एस्ट्राजिनसा ने कहा था कि उसने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीके की 40 करोड़ खुराक के लिए करार किया है। टीके के विकास, उत्पादन और वितरण के लिए अमेरिकी सरकार की एजेंसी ने एक अरब डॉलर का निवेश किया है। कोरोना वायरस के इलाज के लिए करीब एक दर्जन संभावित टीके मानव पर परीक्षण शुरू करने के लिए शुरुआती चरण में पहुंच गए हैं या शुरू होने वाले हैं। इनमें से अधिकतर चीन, अमेरिका और यूरोप के हैं एवं दर्जनों अन्य टीके विकास के शुरुआती दौर में हैं। अब तक वैज्ञानिकों ने इतने कम समय में कोई टीका विकसित नहीं किया है और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अंतत: क्या ये टीके सुरक्षित और प्रभावी साबित होंगे