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पाक से जुड़े NGO का 'खेल', आतंकियों तक जा सकता है भारतीयों की मदद के नाम पर जुटाया गया फंड

Updated Jun 16, 2021 | 12:16 IST

अमेरिकी संस्था डिसइंफो लैब ने कोरोना संकट के नाम पर पाक से जुड़े चैरिटी संस्थानों द्वारा जुटाए गए फंड पर खुलासा किया है। संस्था का कहना है कि भारतीयों की मदद के नाम पर जुटाय गया फंड आतंकियों तक जा सकता है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पाकिस्तान से जुड़े एनजीओ की भारत विरोधी गतिविधि।
मुख्य बातें
  • अमेरिका की डिसइंफो लैब संस्था ने 'कोविड-19 स्कैम 2021' नाम से रिपोर्ट तैयार की है
  • संस्था का कहना है कि पाक से जुड़े संगठनों से भारतीयों की मदद के नाम पर फंड जुटाए
  • रिपोर्ट में फंड के आतंकियों एवं चरमपंथी संगठनों तक पहुंचने की आशंका जताई गई है

वाशिंगटन : पाकिस्तानी सेना की भारत विरोधी सोच कभी बदल नहीं सकती। वह किसी न किसी तरीके से भारत-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देती रहती है। अब अमेरिकी रिपोर्ट में उसके बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अमेरिका की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान से जुड़े गैर-सरकारी सगंठनों (NGOs) ने कोरोना संकट के दौरान भारतीयों की मदद करने के नाम पर फंड जुटाया है। हालांकि, इस बात की बहुत संभावना है कि इस फंड का इस्तेमाल 'प्रदर्शन को बढ़ावा और आतंकी हमलों को स्पॉन्सर' करने में किया जाएगा। 

अमेरिकी संस्था ने 'कोविड-19 स्कैम 2021' नाम से तैयार की रिपोर्ट 
अमेरिका स्थित डिसइंफो लैब नामक संस्था 'कोविड-19 स्कैम 2021' नाम से एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। संस्था ने इसे 'मानव इतिहास में सबसे बुरे घोटालों में से एक बताया है।' संस्था का कहना है कि 'हेल्पिंग इंडिया ब्रीद' नाम से जुटाए गई धनराशि में लाखों डॉलर की चोरी और फंड का हेर-फेर किया गया है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने भारत में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इस संकट से लोगों को राहत पहुंचाने के लिए दुनिया भर से लोगों ने डोनेशन के रूप में आर्थिक मदद भेजी। हालांकि, इस आपदा को कुछ एनजीओ ने पैसा कमाने के अवसर के रूप में देखा। इन संगठनों ने भारतीयों के नाम पर चैरिटी के जरिए अवैध रूप से फंड जुटाए।  

फंड जुटाने के लिए भारत की छवि का गलत इस्तेमाल किया 
डिसइंफो लैब का कहना है कि विगत दशकों में भारत ने दुनिया में अपनी प्रतिष्ठा कमाई है। दुनिया के देश भारत को एक ईमानदार एवं परिपक्व देश के रूप में देखते है लेकिन इन चैरिटी संगठनों ने भारत की छवि गलत इस्तेमाल करते हुए अपने लिए धनराशि एकत्र की। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चैरिटी संगठनों के करीबी संबंध चरमपंथी इस्लामी एवं आतंकवादी संगठनों से हैं। ये चरमपंथी एवं आतंकी संगठन पाकिस्तानी सेना की मिलीभगत से चलाए जा रहे हैं। 

जुटाए गए फंड पर जवाबदेही तय नहीं
संस्था का कहना है कि इन्हीं तरह के चैरिटी संगठनों में से एक है इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (IMANA)। रिपोर्ट के मुताबिक इस संगठन ने दुनिया के जाने-माने लोगों से भारतीयों की मदद के नाम पर करोड़ों की धनराशि इकट्ठी की लेकिन यह बड़ी राशि चोरी हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इतनी बड़ी राशि कहां गई, इसकी जवाबदेही तय करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।   

चिकित्सा के क्षेत्र में काम करती है IMANA
अमेरिका में IMANA चिकित्सा के क्षेत्र में काम करती है। साल 1967 में इसकी स्थापना इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन के रूप में हुई थी लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर IMANA कर दिया गया। हालांकि, यह संस्था अपने कामकाज को लेकर पारदर्शी मानी जाती रही है। इसने कोरोनो संकट के दौरान जुटाए गए अनुदान और खर्चों पर ब्योरे भी दिए हैं। IMANA के मौजूदा अध्यक्ष डॉ. इस्माइल मेहर हैं। वह 'हेल्प इंडिया ब्रीद' प्रोजेक्ट के नेता रहे हैं।  

इंस्टाग्राम पर #हेल्पइंडियाब्रीद अभियान शुरू किया
भारतीयों के लिए चंदा जुटाने के लिए  IMANA ने पिछले महीने चर्चा शुरू की। संस्था ने 27 अप्रैल 2021 को इंस्टाग्राम पर #हेल्पइंडियाब्रीद अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत शुरुआत में 1.8 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया। यह काफी दिलचस्प है कि IMANA का भारत में कोई दफ्तर, ब्रांड या नुमाइंदा नहीं है। बावजूद भारतीयों की मदद के नाम पर फंड जुटाने के लिए यह संस्था आक्रामक तरीके से अभियान चलाया।