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'ऐसे तो अर्थव्यवस्था का बंटाधार हो जाएगा', पाकिस्‍तान में सख्‍त पाबंदियों पर बोले इमरान खान

Updated Jun 07, 2020 | 16:07 IST

Pakistan Coronavirus Cases: पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक लाख के करीब पहुंच गए हैं। इस बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने यहां कड़ी पाबंदी लगाने से इनकार कर दिया है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
'ऐसे तो अर्थव्यवस्था का बंटाधार हो जाएगा', पाकिस्‍तान में सख्‍त पाबंदियों पर बोले इमरान खान
मुख्य बातें
  • पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं
  • संक्रमण केस करीब 1 लाख हैं, वहीं मौतों का आंकड़ा 2 हजार के पार है
  • यहां पाबंदियां लगाने की मांग हो रही है, लेकिन इमरान खान इसके लिए तैयार नहीं हैं

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सख्त पाबंदियां लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि इस 'कुलीन' विचार से अर्थव्यवस्था का बंटाधार हो जाएगा और गरीबी बढ़ेगी। इस बीच रविवार को देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक लाख के करीब पहुंच गए तथा मृतकों की संख्या 2,000 को पार कर गई।

पाकिस्‍तान में आंकड़े 1 लाख के करीब

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 4,960 नए मामले सामने आए जिसके साथ संक्रमण के कुल 98,943 मामले हो गए। कोविड-19 से संक्रमित 67 लोगों की मौत के साथ देश में मृतक संख्या 2,002 हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब तक कम से कम 33,465 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

अब तक पाकिस्तान के पंजाब में संक्रमण के 37,090, सिंध में 36,364 , खैबर पख्तूनख्वा में 13,001, बलूचिस्तान में 6,221, इस्लामाबाद में 4,979, गिलगिट-बाल्टिस्तान में 927 तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कोविड-19 के 361 मामले सामने आए हैं।

इमरान खान का पाबंदियों से इनकार

एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा कि लोगों के बीच कोरोना वायरस महामारी की गंभीरता को लेकर जागरूकता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने सख्त पाबंदियां फिर से लागू करने की संभावना से साफ इनकार किया तथा मानक संचालन प्रक्रियाओं के सख्त पालन के साथ 'स्मार्ट लॉकडाउन' की वकालत की।

खान ने कई ट्वीट किए। इनमें उन्होंने कहा, 'कुलीन वर्ग के कुछ लोग लॉकडाउन चाहते हैं, वे लोग जिनके पास बड़े-बड़े घर हैं और जिनकी आय लॉकडाउन लगाने से प्रभावित नहीं होती।'