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Pakistan: कराची में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़, पूजारी के घर पर हमला, मूर्तियों को अपवित्र किया 

Updated Jun 09, 2022 | 14:50 IST

कोरंगी पुलिस थाने के एसएचओ फारूक संजरानी ने कहा कि पांच से छह की संख्या में अज्ञात संदिग्ध मंदिर में दाखिल हुए और वहां तोड़फोड़ करने के बाद फरार हो गए। गत अक्टूबर में सिंध के कोटरी इलाके में अज्ञात लोगों ने एक ऐतिहासिक मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पाकिस्तान में एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया है।

Pakistan: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय और उसकी आस्था को चोट पहुंचाने का काम नया नहीं है। समय-समय पर हिंदू मंदिरों को तोड़ने और उसे अपवित्र करने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। अब कराची में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ करने का मामला सामने आया है। यहां चरमपंथियों ने मंदिर की मूर्तियों को अपवित्र किया। मंदिर पर हमल की यह घटना बंदरगाह शहर के कोरंगी नंबर 5 इलाके में हुई है। 

मंदिर पर हमले के बाद डरा हुआ है हिंदू समाज 
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक चरमपंथियों ने गत बुधवार को श्री मरी माता मंदिर पर हमला किया। मंदिर पर हमला होने के बाद हिंदू समाज डरा हुआ है। बताया जाता है कि भीड़ के एक समूह ने मंदिर के पुजारी के घर पर हमला और मूर्तियों को अपवित्र किया। मंदिर पर हुए हमला मामले में पुलिस ने अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले पुजारी इन मूर्तियों को लेकर आए थे और निर्माणाधीन मंदिर में इन मूर्तियों को रखा जाना था। 

छह से आठ लोगों ने मंदिर पर हमला किया
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक एक स्थानीय हिंदू नागरिक ने कहा कि 'हमला करने वाले कौन थे और मंदिर को निशाना क्यों बनाया गया, इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है।' प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए छह से आठ लोगों ने मंदिर परिसर पर हमला किया। 

पाक में मानवाधिकार की स्थिति बेहद खराब
कोरंगी पुलिस थाने के एसएचओ फारूक संजरानी ने कहा कि पांच से छह की संख्या में अज्ञात संदिग्ध मंदिर में दाखिल हुए और वहां तोड़फोड़ करने के बाद फरार हो गए। गत अक्टूबर में सिंध के कोटरी इलाके में अज्ञात लोगों ने एक ऐतिहासिक मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जिस तरह से हमले हो रहे हैं और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है उससे देश का मानवाधिकार का रिकॉर्ड और निचले स्तर पर पहुंच गया है।