- पाकिस्तान को अस्तित्व में आए 73 साल हो चुके हैं
- देश में में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाया गया
- हालांकि एक बड़ा वर्ग अब भी खुद को बंधनों में जकड़ा पाता है
इस्लामाबाद : भारत के साथ-साथ पाकिस्तान भी आजादी का जश्न मना रहा है। भारत में जहां स्वतंत्रता दिवस समारोह 15 अगस्त को आयोजित किया जाता है, वहीं पाकिस्तान में इसका आयोजन एक दिन पहले 14 अगस्त को होता है। भारत और पाकिस्तान दोनों की आजादी को 73 साल हो गए हैं और दोनों देश 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान में अब भी कई क्षेत्र हैं जहां लोगों को वास्तव में आजादी का इंतजार है।
73 साल भी नहीं मिली वास्तविक आजादी
पाकिस्तान की पत्रकार मारवी सैराम ने यह मसला उठाया है और कहा कि देश में एक बड़ा वर्ग 73 साल बाद भी आजादी के लिए संघर्ष कर रहा है। खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान, सिंध, गिलगित-बाल्टिस्तान और अन्य क्षेत्रों के लोगों को आजतक वास्तविक आजादी नहीं मिली है।
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मुल्क को अस्तित्व में आए 73 वर्ष हो गए हैं, लेकिन PAK अब भी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा है। खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान, सिंध, गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग, पाक अधिकृत कश्मीर, मीडिया, संसद, कार्यकर्ता, हजारों लापता लोग...कोई भी स्वतंत्र नहीं है। जन्मदिन मुबारक हो पाकिस्तान।'
भेदभाव का शिकार होते रहे हैं अल्पसंख्यक
पाक पत्रकार की यह टिप्पणी पाकिस्तान की मौजूदा हालात को बयां करती है, जहां की बहुसंख्यक आबादी के रिश्ते शिया, अहमदिया, हिंदू, सिख और ईसाई सहित तमाम अल्पसंख्यक समुदाय के साथ तनावपूर्ण हैं और इनके प्रति प्रशासन का भेदभाव भी समय-समय पर सामने आता रहा है। इन सबके बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन के दौरान एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाया था, जिस पर उनकी किरकिरी भी हुई।
पाकिस्तान में 14 अगस्त को भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक अहमदिया बुजुर्ग की पेशावर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। पाकिस्तान में वर्षों से बलूच, पश्तून, मुहाजिर, कश्मीरी, बाल्टिस, ईसाई और हिंदू किस तरह के भेदभाव का सामना कर रहे हैं यह भी कोई छिपी बात नहीं है। समय-समय पर पाकिस्तान की सेना और सरकार द्वारा उनके उत्पीड़न की रिपोर्ट भी उजागर होती रही है।