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इमरान खान को फौरी राहत, अविश्वास प्रस्ताव पेश किए बिना ही स्‍थगित हुआ नेशनल असेंबली का सत्र

Updated Mar 25, 2022 | 17:34 IST

पाकिस्‍तान में इमरान खान की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। विपक्ष ने उनके खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने की पूरी तैयारी कर रखी थी और संख्‍या बल भी उनके खिलाफ जा रहा था, लेकिन नेशनल असेंबली में अविश्‍वास प्रस्ताव पेश किए बिना ही सदन की कार्यवाही 28 मार्च तक के लिए स्‍थगित कर दी गई।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
इमरान खान को फौरी राहत, अविश्वास प्रस्ताव पेश किए बिना ही स्‍थगित हुआ नेशनल असेंबली का सत्र

इस्लामाबाद : पाकिस्‍तान में इमरान खान अपने राजनीतिक करियर में अब तक के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने 8 मार्च को ही पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव का नोटिस दिया था, जिस पर आज चर्चा होनी थी। लेकिन इसे आज सदन में पेश भी नहीं किया जा सका और सदन की कार्यवाही 28 मार्च तक के लिए स्‍थगित कर दी गई है, जिस पर विपक्ष ने नाराजगी जताई है।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है, जब इमरान खान की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है और वह अपनी सरकार बचाने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। इमरान खान ने 27 मार्च को इस्‍लामाबाद में रैली का आह्वान किया है और उनकी पूरी कोशिश रही है कि अविश्‍वास प्रस्‍ताव अगर नेशनल एसेंबली में पेश भी होता है तो इस पर वोटिंग टल जाए। अब जब नेशनल एसेंबली की कार्यवाही 28 मार्च तक स्‍थगित हो गई है तो उन्‍हें इसके लिए कुछ वक्‍त मिल गया है।

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विपक्षी नेताओं में नाराजगी

पाकिस्तानी संसद के प्रथम व निम्‍न सदन नेशनल असेंबली का अहम सत्र इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद खयाल जमन के निधन के चलते स्‍थगित की गई है। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने 28 मार्च की शाम 4 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की, जिसके बाद वहां मौजूद विपक्ष के नेताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान सदन में नेता प्रतिपक्ष शाहबाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो, सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी समेत कई प्रभावशाली विपक्षी सांसद मौजूद थे।

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ये सभी इमरान सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव पेश करने के लिए नेशनल असेंबली के बहुप्रतीक्षित सत्र में हिस्‍सा लेने के लिए पहुंचे थे। लेकिन सदन के अध्‍यक्ष असद कैसर ने जब कार्यवाही 28 मार्च तक स्‍थगित करने का ऐलान किया तो वे नाराज हो गए। उन्‍होंने सदन में नारेबाजी भी की और अध्‍यक्ष से प्रस्‍ताव पेश करने की अनुमति भी मांगी। लेकिन अध्‍यक्ष ने विपक्षी नेताओं की बात नहीं सुनी और सदन से चले गए। विपक्ष ने 26 मार्च को रैली का आह्वान किया है, जिसमें समझा जा रहा है कि वे इसे इमरान सरकार की 'चालबाजी' के तौर पर जनता के समक्ष पेश करेंगे।