लाइव टीवी

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने सुब्रमण्यम स्वामी का वीडियो ट्वीट कर लगाया आरोप, स्वामी ने दिया करारा जवाब

Updated Apr 03, 2020 | 20:08 IST

पाकिस्तान में कोरोना का असर है लेकिन वो अपनी फितरत से बाज नहीं आता है और इस संकट के बीच भी भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है।

Loading ...
इमरान खान ने सुब्रमण्यम स्वामी का एक वीडियो ट्वीट कर भद्दा आरोप लगाया है

कोरोना संकट के बीच भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और भारत के खिलाफ जहर उगलने का कोई भी मौका नहीं चूक रहा है, हालांकि कोरोना की मार पाकिस्तान में भी है लेकिन वो ऐसे माहौल में भी अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और इस बार उसने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी पर हमला बोला।

इमरान खान ने सुब्रमण्यम स्वामी का एक वीडियो ट्वीट कर भद्दा आरोप लगाया है, उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि आरएसएस ने बीजेपी नेतृत्व को 21वीं सदी में खुले तौर पर 200 मिलियन मुसलमानों के खिलाफ बोलने के लिए प्रेरित किया है,ऐसा नाजियों ने यहूदियों के लिए किया था।

इससे पहले इमरान खान  ने इस  एक बार फिर कश्मीर पर अपना पुराना राग अलापा था उन्होंने भारत सरकार द्वारा जारी किए गए जम्मू-कश्मीर री-ऑर्गनाइजेशन ऑर्डर 2020 की आलोचना करते हुए इसे सूबे की 'जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश' करार बताया था। पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को भारत पर जम्मू-कश्मीर की 'जनसांख्यिकीय संरचना को गैर कानूनी रूप से बदलने' का आरोप लगाया। साथ ही नए अधिवास नियम को 'अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन' करार दिया।

भारत सरकार ने बुधवार को नए अधिवास नियमों को जारी किया, जिसके तहत इसमें उनको भी मूल निवासी का दर्जा मिलेगा जो केंद्र शासित प्रदेश में 15 साल से रह रहा है।

वहीं इमरान खान के आरोप के बाद स्वामी ने पलटवार कर पाकिस्तान में कोरोना संकट में हिंदुओं के साथ किए जा रहे भेदभाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज हिंदुओं और सिखों को भोजन से वंचित करना जनसंहार से भी बड़ा कृत्य है।

पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ राशन को लेकर हो रहा भेदभाव
गौरतलब है कि पाकिस्तान कोरोना वायरस जैसे संकट के बीच भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हिंदू और ईसाई समुदायों के सदस्यों का कहना है कि उन्हें सिंध प्रांत में अधिकारियों द्वारा राशन से वंचित रखा गया है। एक हिंदू स्थानीय का कहना है, 'लॉकडाउन के दौरान अधिकारी हमारी मदद नहीं कर रहे हैं, हमें राशन भी नहीं दिया जा रहा है क्योंकि हम अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।'

वहीं सिंध प्रांत की ईसाई स्थानीय महिला ने बताया, 'शुरू में, अधिकारियों ने कहा कि सभी को लॉकडाउन के दौरान राशन मिलेगा लेकिन बाद में उन्होंने ईसाईयों को देने से इनकार कर दिया। हम भी पाकिस्तानी हैं और कराची में रह रहे हैं। धर्म के आधार पर इस तरह का भेदभाव उचित नहीं है।'