पेरिस : फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला लिया है। आतंकी फंडिंग रोकने को लेकर उसे जो निदेश एफएटीएफ की ओर से दिए गए थे, उसे पूरा नहीं करने के कारण पाकिस्तान को एक बार फिर ग्रे लिस्ट में बकरार रखने का फैसला लिया गया है। एफएटीएफ ने माना कि पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ 'ठोस' कार्रवाई नहीं की।
पेरिस में 22 फरवरी से शुरू हुई एफएटीएफ की बैठक के आखिरी दिन गुरुवार (25 फरवरी) को यह फैसला लिया गया कि पाकिस्तान अभी एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा। एफएटीएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने में विफल रहा। उसने इस संबंध में तीन महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा नहीं किया।
एफएटीएफ ने क्या कहा?
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध किए गए आतंकवादियों और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और यह दिखनी भी चाहिए। आतंक के वित्तपोषण से निपटने के लिए पाकिस्तान में प्रभावी व्यवस्था होनी चाहिए और पाकिस्तान की अदालतों को आतंकवाद में शामिल लोगों को निश्चित रूप से प्रभावी और निर्णायक सजा देनी चाहिए।
एफएटीएफ की इस टिप्पणी को पाकिस्तानी अदालत के उस फैसले से जोड़कर देखा जार हा है, जिसमें कोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या मामले में अभियुक्त आतंकी उमर सईद शेख सहित चार लोगों को रिहा करने का आदेश दिया था। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी इसे लेकर पहले ही पाकिस्तान को लताड़ लगा चुकी है। अमेरिका ने भी पाक अदालत के उस फैसले पर नाखुशी जताई थी।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला सुनाते हुए कहा कि वह आतंकी फंडिंग को लेकर पहले तीन अपूर्ण कार्यों को पूरा करे, तब वह इसका सत्यापन करेगा और जून में होने वाली बैठक के दौरान उसे लेकर आगे कोई फैसला लिया जाएगा। एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को दी गई समय सीमा पहले ही खत्म हो चुकी है। उसे जल्द से जल्द दिए गए सभी कार्यों को पूरा करने की जरूरत है।