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आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की कथनी और करनी में हमेशा रहा हैं अंतर: रिपोर्ट

Updated Oct 19, 2021 | 07:33 IST

Pakistan role on Terrorism: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान हमेशा दोहरा रवैया अपनाता रहा है। अमेरिका क पूर्व एनएसए मैकमास्टर का कहना है कि पाकिस्तान को अब दोहरा मानदंड बंद करना चाहिए।

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आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की कथनी और करनी में हमेशा रहा हैं अंतर: रिपोर्ट
मुख्य बातें
  • अमेरिका के पू्र्व एनएसए मैकमास्टर ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरा
  • पाकिस्तान ने कभी ईमानदारी से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग नहीं किया
  • अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता के लिए कहीं न कहीं पाकिस्तान जिम्मेदार

Pakistan role on Terrorism: पाकिस्तान और आतंकवाद दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। दरअसल पाकिस्तान, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में खुद को शामिल होने की बात तो करता है। लेकिन जमीनी स्तर पर वो अलग रंग दिखाता है, मसलन पाकिस्तान की धरती पर आतंकी तंजीमें फलफूल रही हैं। अमेरिकी के पूर्व एनएसए लेफ्टिनेंट जनरल मैकमास्टर का मानना है कि पाकिस्ताव को दोहरा रवैया छोड़ देना चाहिए। यही नहीं तालिबान के हाथों में काबुल के जाने के लिए भी उन्होंने इमरान खान सरकार को जिम्मेदार बताया। 

आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान गंभीर नहीं रहा
मैकमास्टर कहते हैं कि अगर पिछले 2 दशक के रिकॉर्ड को देखा जाए तो यह साफ पता चलता है कि आतंकवाद रोकने के प्रति पाकिस्तान कितना गंभीर रहा है। दुनिया और मानवता के लिए आवश्यक है आतंकी संगठनों के संबंध में पाकिस्तान जो कुछ कहता है उसे अमल में भी लाए। अगर वो ऐसा नहीं करता है तो पूरे वैश्विक समाज को खतरे में डाल रहा है। 

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट एंड सेक्युरिटी की रिपोर्ट
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट एंड सेक्युरिटी के मुताबिक ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी तरह की आर्थिक मदद को रोक दिया था और जो बाइडेन प्रशासन को उन फैसलों को दोबारा अमल में लाना है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि मैकमास्टर चाहते हैं काबुल पर तालिबानी फतेह के लिए इमरान खान सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित था कि पाकिस्तान की कथनी और करनी में फर्क है और उसे रास्ते पर लाने के लिए आर्थिक मदद के साथ दूसरी तरह की मदद पर भी रोक लगानी चाहिए। इसके अलावा वैश्विक समाज को भी यह समझना पड़ेगा कि वो पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को समझे और कोई ऐसा काम ना करे जो पाकिस्तान को मदद पहुंचाने में रास्ता बने।