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Pakistan : पीएम मोदी के पानी रोकने के बयान पर भड़का पाक, कहा-मानेंगे इसे 'आक्रामक कार्रवाई'

Updated Oct 17, 2019 | 19:06 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Mohammad Faisal On India : पाकिस्तानी प्रवक्ता ने बिना नदियों के नाम लिए कहा, 'भारत द्वारा इन नदियों का बहाव मोड़ने की किसी भी कोशिश को आक्रामक कार्रवाई समझी जाएगी और हमारे पास जवाबी कार्रवाई करने का हक है।'

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पीएम मोदी ने दिया है पानी रोकने का बयान।
मुख्य बातें
  • चरखी दादरी में पीएम मोदी ने कहा था-रोकेंगे पाकिस्तान जाने वाला पानी
  • पीएम मोदी ने कहा-इस पानी पर हरियाणा और राजस्थान के किसानों का हक
  • पीएम मोदी के पानी रोकने के बयान पर भड़का पाकिस्तान, कहा-मानेंगे इसे 'आक्रामक कार्रवाई'

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि तीन पश्चिमी नदियों के जल पर उसका 'विशेष अधिकार है' और इन तीनों नदियों का बहाव मोड़ने के भारत के किसी भी प्रयास को 'आक्रामक कार्रवाई' मानी जाएगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान ये बयान दिया। पत्रकारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का हवाला देकर सवाल पूछा जिसमें भारतीय पीएम ने पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने की बात कही है। फैसल ने कहा कि पाकिस्तान के पास जवाबी कार्रवाई करने का हक है।

बता दें कि हरियाणा के चरखी दादरी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हिंदुस्तान और हरियाणा के किसानों का पानी 70 साल तक पाकिस्तान जाता रहा...ये मोदी पानी को रोकेगा और यह पानी आपके घर तक आएगा। इस पानी पर हक हिंदुस्तान और हरियाणा के किसानों का है।' मोहम्मद फैसल ने आगे कहा कि सिंधु जल समझौते के तहत इन तीनों पश्चिमी नदियों के जल पर पाकिस्तान का 'विशेष अधिकार' है।

पाकिस्तानी प्रवक्ता ने बिना नदियों के नाम लिए कहा, 'भारत द्वारा इन नदियों का बहाव मोड़ने की किसी भी कोशिश को आक्रामक कार्रवाई समझी जाएगी और पाकिस्तान के पास जवाबी कार्रवाई करने का हक है।'

बता दें कि भारत सरकार ने गत पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त कर दिया। इस फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी तनाव आ गया है। भारत सरकार के इस कदम से बौखलाए पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को कमतर करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया।

इसके बाद पाकिस्तान कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाता आया है लेकिन दो-एक देशों को छोड़कर किसी ने भी कश्मीर पर उसके रुख का समर्थन नहीं किया। इमरान खान ने कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मसले को संयुक्त राष्ट्र में उठाया लेकिन उनके बयान का कोई असर नहीं हुआ। पाकिस्तान कश्मीर मसले पर युद्ध एवं परमाणु हमले की चेतावनी भी दे चुका है लेकिन उसकी धमकियों को दुनिया के देशों ने गंभीरता से नहीं लिया है।