इस्लामाबाद : पाकिस्तान की 15 साल की हिंदू लड़की महक गुरुवार को अपने पहले के बयान से पलट गई। उसने स्थानीय अदालत को बताया कि वह ना तो मुस्लिम व्यक्ति अली रजा मची के साथ रहना चाहती है और ना ही इस्लाम कबूल करना चाहती हूं। उसने कहा कि मुझे अपने मां-बाप पास जाने की अनुमति दी जाए। मुझे हिंदू धर्म मानने की अनुमति दी जाए। लड़की ने अली से साथ शादी की थी।
महक के वकील राजेश नारायणदास कपूर ने कहा टीओआई को पाकिस्तान से फोन पर बताया कि जकोबाबाद के अतिरिक्त न्यायाधीश गुलाम अली कंसारो ने अपने चैंबर में उस लड़की का बयान रिकॉर्ड करवाया। कोर्ट के बाहर और अंदर काफी संख्या में मौलवी मौजूद थे।
गुरुवार को कोर्ट में पेश होने के बाद उन्होंने बताया कि महक ने कोर्ट को बताया कि पहले ही गलती से 21 जनवरी को उसका बयान रिकॉर्ड कराया जा चुका था। जिसमें उसने कहा था कि मैंने इस्लाम स्वीकार किया था और अपनी मर्जी से अली रजा से शादी की थी।
वकील ने बताया कि महक ने कोर्ट से कहा कि मैंने इस्लाम स्वीकार नहीं किया और मैं रजा के साथ नहीं रहना चाहती थी। उसने कहा कि मैं अपने मां-बाप के घर जाना चाहती हूं, अपने धर्म के साथ रहना चाहती हूं। वकील ने दावा किया वह और उसकी फैमिली को धमकियां मिल रही हैं।
उसके पिता विजय कुमार पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जकोबाबाद शहर का रहने वाला है और मेडिकल स्टोर चलाता है। उसने 15 जनवरीको अपनी बेटी के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई।
लड़की ने कहा कि मेरी शादी जबरदस्ती रजा से कराई गई। जिससे हिंदू समुदाय में बहुत गुस्सा है। कई उदारवादी मुस्लिम समूहों ने भी हिंदू समुदाय के साथ लड़की को उसके मां-बाप के पास भेजने के लिए किए जा रहे प्रदर्शन में शामिल हुए।
कोर्ट के आदेश पर महक की जांच होगी कि वह 15 साल आठ महीने की है या नहीं। जैसा कि उसने बताया है। वकील ने बताया कि उसे लरकाना में दार-उल-अमान भेजा गया। इस मामले में कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। भविष्य के लिए कोर्ट ने उसके बयान की रिकॉर्डिंग रखी है।