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Imran Khan बोले- तालिबानी आम लोग हैं, अमेरिका ने अफगानिस्तान में सब गड़बड़ कर दिया

Updated Jul 29, 2021 | 09:00 IST

Imran Khan on Taliban: पाकिस्तान पर लंबे समय से यह आरोप लगता रहा है कि वह अफगानिस्तान में हालात को अस्थिर करने के लिए तालिबान को सैन्य, आर्थिक और खुफिया जानकारी मुहैया कराता है।

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तालिबानी आम लोग हैं, अफगानिस्तान के लिए US जिम्मेदार: इमरान
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक फिर की तालिबान की तरफदारी
  • एक इंटरव्यू में बोले इमरान- तालिबान के लोग आम नागरिक
  • तालिबान को पाकिस्तान की ओर से फंडिंग मिलने के आरोपों को इमरान ने किया खारिज

वाशिंगटन: पाकिस्तान  (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan)ने अफगानिस्तान में लगातार आतंक मचा रहे तालिबानी आतंकियों की खुलकर पैरवी की है। इमरान खान ने कहा है कि तालिबान (Taliban) कोई सैन्य संगठन नहीं हैं, बल्कि वे लोग सामान्य नागरिक हैं। एक टीवी इंटरव्यू के दौरान इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका ने तालिबान को सही से हैंडल नहीं किया और सब कुछ गड़बड़ कर दिया। 

तालिबान के लोग सामान्य नागरिक

मंगलवार रात प्रसारित एक साक्षात्कार में इमरान खान ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान में 30 लाख अफगान शरणार्थी हैं, जिनमें से अधिकांश पश्तून हैं जो तालिबान लड़ाकों के समान जातीय समूह है।  जब इमरान से पूछा गया कि हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि करीब 10,000 पाकिस्तानी लड़ाकू बॉर्डर पार कर तालिबान की मदद करने गए हैं? उन्होंने कहा, 'अब वहां 500,000 लोगों के शिविर हैं, 100,000 लोगों के शिविर हैं। और तालिबान कोई सैन्य संगठन नहीं हैं, वे सामान्य नागरिक हैं। और अगर इन शिविरों में कुछ नागरिक हैं, तो पाकिस्तान इन लोगों का उत्पीड़न कैसे करेगा? आप उन्हें अभयारण्य कैसे कह सकते हैं?' 

पाकिस्तान पर लगते हैं तालिबान की मदद करने के आरोप
पाकिस्तान में तालिबान के कथित सुरक्षित पनाहगाहों के बारे में पूछे जाने पर, प्रधानमंत्री ने जवाब दिया: "ये सुरक्षित ठिकाने कहां हैं? पाकिस्तान में 30 लाख शरणार्थी हैं जो तालिबान के समान जातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं हैं ...'  गौर करने वाली बात ये है कि पाकिस्तान पर लंबे समय से तालिबान की सैन्य, आर्थिक और खुफिया जानकारी के साथ अफगानिस्तान सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई में मदद करने का आरोप लगाया जाता रहा है, लेकिन इमरान खान ने इन आरोपों को "बेहद अनुचित" करार दिया।

11 सितंबर के हमले से पाक का कोई लेना देना नहीं

इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्ध के बाद हजारों पाकिस्तानियों ने अपनी जान गंवाई, जबकि 11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क में  हुए आंतकी हमले से पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के करीब 6,000 आतंकवादी सीमा के अफगान हिस्से में सक्रिय हैं।  यूएन मॉनिटर्स का मानना है कि टीटीपी के "पाकिस्तान विरोधी विशिष्ट उद्देश्य हैं, लेकिन वह अफगान सरकारी बलों के खिलाफ अफगानिस्तान के अंदर सैन्य रूप से अफगान तालिबान का समर्थन भी करते हैं।