- लाहौर से कराची की घरेलू उड़ान जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी
- विमान हवाई अड्डे पर उतरने से कुछ ही मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया था
- उड्डयन मंत्री ने कहा- पायलट पूरी उड़ान के दौरान कोरोना वायरस के बारे में चर्चा कर रहे थे, उनका ध्यान केंद्रित नहीं था
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पिछले महीने दुर्घटनाग्रस्त हुए पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) विमान के पायलटों का ध्यान भटका हुआ था और वे उड़ान के दौरान कोरोना वायरस पर चर्चा कर रहे थे। यह जानकारी पाकिस्तान के उड्डयन मंत्री ने बुधवार को संसद में दी। मंत्री ने उक्त विमान दुर्घटना के कारणों में पायलटों का ‘‘अतिआत्मविश्वास और ध्यान की कमी’’ को कुछ कारणों के तौर पर उल्लेखित किया। उक्त विमान दुर्घटना में 97 लोगों की मौत हो गई थी।
लाहौर से कराची की घरेलू उड़ान 22 मई को कराची स्थित जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी।राष्ट्रीय विमानन कंपनी का एयरबस ए320 विमान जब शुक्रवार को मलीर में मॉडल कालोनी के पास स्थित जिन्ना गार्डेन क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुआ तब उसमें 91 यात्री और चालक दल के आठ सदस्य थे। उक्त विमान हवाई अड्डे पर उतरने से कुछ ही मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।दुर्घटना में दो यात्री बच गए थे।
उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर खान ने पीआईए विमान दुर्घटना पर नेशनल असेंबली में अंतरिम जांच रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया कि पायलट का ध्यान केंद्रित नहीं था और इसके कारण विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने कहा कि पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रण की मानवीय गलती से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
‘‘पायलट और एटीसी दोनों ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया’
मंत्री ने कहा कि पायलटों ने विमान की ऊंचाई के बारे में हवाई यातायात नियंत्रण के निर्देशों को नजरंदाज किया।उन्होंने कहा, ‘‘पायलट और एटीसी दोनों ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।’’उन्होंने कहा, ‘‘पायलट पूरी उड़ान के दौरान कोरोना वायरस के बारे में चर्चा कर रहे थे। उनका ध्यान केंद्रित नहीं था। वे कोरोना वायरस के बारे में, उनके परिवारों के प्रभावित होने के बारे में बातें कर रहे थे। जब नियंत्रण टावर ने पायलट को विमान की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कहा तो पायलट ने कहा कि वह संभाल लेगा। यह अतिआत्मविश्वास था।’’
विमान में कोई तकनीकी खामी नहीं थी
सरवर ने कहा कि चालक दल के सदस्य और एटीसी भी इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार था।उन्होंने कहा, ‘‘जो भी जिम्मेदार है उसे जवाबदेह बनाया जाएगा।’’ उन्होंने वादा किया कि पूर्ण जांच रिपोर्ट एक वर्ष में पेश कर दी जाएगी।उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में इसका उल्लेख है कि विमान में कोई तकनीकी खामी नहीं थी और पायलटों ने भी इसके बारे में हवाई यातायात नियंत्रक के साथ अपनी बातचीत में भी नहीं कहा है।
मंत्री ने कहा कि विमान ने लैंडिंग गियर के बिना ही तीन बार रनवे को छुआ जिससे उसके इंजन को क्षति पहुंची।मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय विमानन कंपनी के 40 फीसदी पायलट फर्जी लाइसेंस से विमान उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन पायलटों ने न तो स्वयं परीक्षा दी है और न ही उन्हें उचित उड़ान अनुभव है। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से पायलटों की नियुक्ति राजनीतिक आधार पर भी होती है।’’