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जर्मनी में पीएम मोदी, हुआ भव्य स्वागत, चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ की द्विपक्षीय बैठक

Updated May 02, 2022 | 18:11 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में जर्मनी पहुंचे। वहां उनका भव्यस्वागत किया गया। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
जर्मनी में जर्मन चांसलर से मिले पीएम मोदी
मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने यूरोप के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में जर्मनी का दौरा किया।
  • पीएम मोदी की जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज से कई मुद्दों पर बात हुई।
  • प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, भव्य स्वागत हुआ।

बर्लिन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में सोमवार को जर्मनी पहुंचे। पीएम मोदी ने आज जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक भारत और जर्मनी के बीच द्विवार्षिक अंतर सरकारी परामर्श (आईजीसी) के छठे दौर से पहले आयोजित की गई थी। प्रधानमंत्री को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और संघीय चांसलर में चांसलर स्कोल्ज ने उनका स्वागत किया। इसके बाद दोनों नेताओं ने आमने-सामने के प्रारूप में मुलाकात की जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। चर्चाओं में समग्र रणनीतिक साझेदारी के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक विकास के तहत द्विपक्षीय सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया। 

पीएम के स्वागत पर पीएमओ ने ट्वीट किया ब्रैंडेनबर्ग गेट पर भारतीय फ्लेवर! एक नजर देख लो। इससे पहले पीएम मोदी ट्वीट कर कहा कि बर्लिन में अभी सुबह थी,तब भी भारतीय समुदाय के कई लोग यहां पहुंचे। उनसे बातचीत करके अच्छा लगा। भारत हमारे समुदाय की प्रवीणता पर गौरवान्वित है। 

रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा कि बर्लिन की उनकी यात्रा चांसलर शॉल्ज से बातचीत का अवसर प्रदान करेगी जिनसे उन्होंने पिछले वर्ष जी20 में मुलाकात की थी,तब वह वाइस चांसलर और वित्त मंत्री थे। उन्होंने कहा कि हम छठे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श (आईजीसी) की सह अध्यक्षता करेंगे, यह एक विशिष्ट कार्यक्रम है जिसे भारत केवल जर्मनी के साथ करता है। प्रधानमंत्री ने कहा मैं इस आईजीसी को जर्मनी की नयी सरकार के साथ बातचीत की पहल के तौर पर देखता हूं, जो सरकार के गठन के छह माह के भीतर हो रही है। इससे मध्यम और दीर्घकालिक प्राथमिकताओं की पहचान करने में मदद मिलेगी।

आईजीसी की शुरुआत 2011 में हुई थी। यह एक विशिष्ट द्विवार्षिक तंत्र है जो दोनों देशों की सरकारों को व्यापक द्विपक्षीय मुद्दों पर समन्वय की मंजूरी देता है। इस कार्यक्रम में दोनों देशों के कई मंत्री भी हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी बैठक में हिस्सा लेंगे।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा भारत जर्मनी के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने का भविष्य का खाका तैयार करेगी। गौरतलब है कि बर्लिन के बाद प्रधानमंत्री 3 मई को डेनमार्क जाएंगे जहां वह अपनी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वहां वह द्वितीय भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। अपनी यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी कुछ समय के लिए फ्रांस में रुकेंगे, जहां वह फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे।