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'क्‍या हम इंसान नहीं हैं? हमारे बच्‍चे नहीं हैं?' गिलगित-बाल्टिस्‍तान में फूटा व्‍यापारियों का गुस्‍सा

Updated May 13, 2020 | 09:55 IST

Gilgit-Baltistan: पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले गिलगित-बाल्टिस्‍तान में व्‍यापारियों ने आरोप लगाया है कि स्‍थानीय प्रशासन उनके साथ भेदभाव कर रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
'क्‍या हम इंसान नहीं हैं? हमारे बच्‍चे नहीं हैं?' गिलगित-बाल्टिस्‍तान में फूटा व्‍यापारियों का गुस्‍सा
मुख्य बातें
  • पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले गिलगित-बाल्टिस्‍तान में लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है
  • यहां के लोगों का आरोप है कि कोरोना संकट के बीच स्‍थानीय प्रशासन उनके साथ भेदभाव कर रहा है
  • पीओके में पहले भी लोग पाकिस्‍तान के दोहरे रवैये और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं

मुजफ्फराबाद : पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर के साथ इमरान सरकर किस तरह भेदभाव कर रही है, यह कोई छिपी बात नहीं है। इसे लेकर कई बार स्‍थानीय लोग आवाज उठा चुके हैं। कोरोना संकट के दौरान एक बार फिर पाकिस्‍तान का दोहरा रवैया दुनिया के सामने आया है, जिसमें गिलगित-बाल्टिस्‍तान के लोगों ने पाकिस्‍तानी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाई। अब एक बार फिर लोगों का गुस्‍सा पाक नियंत्रित स्‍थानीय प्रशासन के खिलाफ फूट पड़ा है। 

'क्‍या हम इंसान नहीं हैं?'
पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे और सुविधाओं से वंचित गिलगित-बाल्टिस्‍तान में एनएलआई मार्केट के व्‍यापारियों ने स्‍थानीय प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि यहां उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। पहले से ही एक स्‍थानीय व्‍यापारी ने प्रशासन के रवैये पर रोष जताते हुए कहा, 'सभी बाजार खुले हैं, फिर हमें ही अपनी दुकानें बंद रखने को क्‍यों कहा जा रहा है? क्‍या हम इंसान नहीं हैं? हमारे बच्‍चे नहीं हैं?'

पाकिस्‍तान के खिलाफ आवाज
यहां उल्‍लेखनीय है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में पहले भी पाकिस्‍तान प्रशासन के खिलाफ आवाज उठ चुकी है। कोरोना संकट के बीच इस क्षेत्र को न केवल आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। पिछले दिनों स्‍थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले क्षेत्र में में एक बड़ी आबादी को खतरे में छोड़ दिया गया है।

संकट का सामना कर रहा PoK
इन नेताओं व कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि ऐसे में जबकि पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसे घातक संक्रमण का सामना कर रही है, गिलगित-बाल्टिस्‍तान में कोई प्रशिक्षित डॉक्‍टर नहीं है, जो गंभीर रूप से किसी के बीमार पड़ने पर स्थिति को संभाल सके। उन्‍होंने यह भी कहा कि पीओके और गिलगित-बाल्टिस्‍तान से पाकिस्‍तान को विभिन्‍न करों में अरबों रुपये मिलते हैं, लेकिन उसके मुकाबले यहां कुछ भी खर्च नहीं किया जाता। यहां तक कि अमेरिका, विश्‍व बैंक, एश्यिाई विकास बैंक से कोरोना से जंग के लिए मिलने वाली सहायता राशि भी क्षेत्र को नहीं दी जाती।