वाशिंगटन : कृषि कानूनों के खिलाफ वाशिंगटन में शनिवार को हुए प्रदर्शन के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया है। यहां भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन के दौरान 'खालिस्तान के झंडे' भी दिखाई दिए। प्रदर्शनकारी भारत में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे रहे प्रदर्शनकारियों क साथ अपनी एकजुटता जाहिर कर रहे थे। इस घटना पर भारतीय दूतावास ने अमेरिकी प्रशासन से कड़ा प्रतिरोध जताया है। दूतावास का कहना है कि वह इस मामले की जांच और दोषियों को के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के लिए इस मसले को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के साथ उठाया गया है।
इस महीने की शुरुआत में लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर हुए प्रदर्शन में भी 'खालिस्तानी झंडे' दिखाई पड़े थे। यहां प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शकारियों ने भारत-विरोधी एवं किसानों के समर्थन में नारे लगाए थे। यही, नहीं अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद गत तीन जून को वाशिंगटन में प्रदर्शन के दौरान भी महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई गई।
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने अपने एक ट्वीट में कहा कि दूतावास के पास महात्मा गांधी मेमोरियल प्लाजा स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को खालिस्तानी तत्वों की ओर से नुकसान पहुंचाया गया है। दूतावास इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता है। दूतावास ने अमेरिकी कानूनी एजेंसियों के साथ कड़ा प्रतिरोध जताया है और मामली की त्वरित जांच एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए इस मसले को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया गया है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ भारत किसान भारत में पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। किसान इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सरकार के साथ उनकी पांच दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी इस समस्या का हल नहीं निकल सका है। किसान दिल्ली की बॉर्डर पर डटे हुए हैं और अपनी मांगों से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने अपना आंदोलन और तेज करने की बात कही है। वहीं, भाजपा चौपाल लगाकर नए कृषि कानूनों के बारे में लोगों को बताएगी।