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रूस के प्रधानमंत्री मेदवेदेव के इस्तीफे के बाद मिशुस्तिन को मिली कमान, पुतिन ने नाम किया तय

Russian prime minister submits resignation to Putin
Updated Jan 16, 2020 | 01:18 IST

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दमित्रि मेदवेदेव की जगह टैक्स रेवेन्यू के मुखिया मिखाइल मिशुस्तिन को पीएम बनाने का फैसला किया है। मेदवेदेव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

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Russian prime minister submits resignation to Putin Russian prime minister submits resignation to Putin
तस्वीर साभार:&nbspAP
मेदवेदेव की जगह अब मिखाइल मिशुस्तिन को पीएम पद की कमान
मुख्य बातें
  • दमित्री मेदवेदेव की जगह अब मिखाइल मिशुस्तिन को पीएम पद की कमान
  • टैक्स रेवेन्यू के मुखिया रहे हैं मिशुस्तिन, 1998 में पुतिन से जुड़े
  • मिशुस्तिन के पास राजनीतिक अनुभव की कमी, पुतिन सक्रिय रूप से दे सकते हैं दखल

नई दिल्ली :  क्रेमलिन के मुताबिक डिमित्री मेदवेदोव की जगह पर राष्ट्रपति पुतिन ने टैक्स सर्विस के मुखिया मिखाइल मिशुस्तिन को नया प्रधानमंत्री बनाने का फैसला किया है। 53 वर्ष के मिशुस्तिन 1998 से पुतिन सरकार में अपनी सेवा दे रहे हैं, नए पीएम की खासियत यह है कि उन्होंने खुद को लाइमलाइट से दूर रखा। जानकारों का कहना है कि मिशुस्तिन को पीएम बनाए जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि उन्हें राजनीतिक अनुभव की कमी है जिसकी वजह से वो स्वतंत्र तौर पर काम नहीं कर पाएंगे और पुतिन की दखल बनी रहेगी।

मेदवेदेव, पुतिन की उम्मीद पर खरे नहीं उतरे
रूस के प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया । मेदवेदेव ने बुधवार को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सौंपा।  रूस की न्यूज एजेंसी तास की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने इस पद पर बने रहने के लिए मेदवेदेव का धन्यवाद किया और इस बात का उल्लेख किया कि पीएम का कैबिनेट अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सका। रूस की मीडिया में कहा गया है कि पुतिन की योजना मेदवेदेव को प्रेसिडेंसियल सेक्युरिटी काउंसिल का डिप्टी बनाने की है।

2012 में पीएम बने थे मेदवेदेव
बता दें कि मेदवेदेव लंबे समय से पुतिन के सहयोगी रहे हैं। वह 2012 से रूस के प्रधानमंत्री थे। रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने मेदवेदेव के कैबिनेट से कहा है कि वह अगले कैबिनेट के गठन तक काम करती रहे। इस घटनाक्रम के बीच पुतिन ने बुधवार को देश को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में पुतिन ने पीएम एवं कैबिनेट सदस्यों की शक्तियां बढ़ाने के लिए संविधान में संशोधन का प्रस्ताव किया। इस प्रस्ताव के बाद मेदवेदेव ने पीएम पद से इस्तीफा दिया।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति पद से पुतिन का कार्यकाल साल 2024 में समाप्त हो रहा है। ऐसे में उनके इस प्रस्ताव को सत्ता के शिखर पर अपना वर्चस्व कायम रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।