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Russia on S 400 deal: अमेरिकी चेतावनी के बीच बोले पुतिन- रूस, भारत को एस-400 देने को प्रतिबद्ध

Updated Nov 16, 2019 | 13:43 IST | भाषा

Russia on S 400 deal with India: भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली 'एस-400 प्रक्षेपास्त्र' प्रणाली को लेकर रूस के साथ करार किया है, जिस पर अमेरिका ने चेतावनी भी दी है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
Russia on S 400 deal: रूस ने कहा है कि वह समय पर भारत को इस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति करेगा

ब्रासीलिया : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस की भारत को सतह से हवा में मार करने वाली 'एस-400 प्रक्षेपास्त्र' प्रणाली की आपूर्ति तय कार्यक्रम के मुताबिक करने की योजना है। उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब इस सौदे को लेकर अमेरिका की तरफ से चेतावनी दी जा रही है। भारत ने 2015 में सतह से हवा में मार करने वाली प्रक्षेपास्त्र प्रणाली 'एस-400 'ट्रिम्फ' को हासिल करने की इच्छा जाहिर की थी।

राष्ट्रपति पुतिन के पिछले साल हुए भारत दौरे के दौरान 5.43 अरब अमेरिकी डालर के इस करार पर दस्तखत किए गए थे। ब्राजीलियाई राजधानी में संपन्न हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर संवाददाताओं से बात करते हुए गुरुवार को उन्होंने कहा, 'जब एस-400 की आपूर्ति की बात आती है तो सब कुछ तय योजना के मुताबिक होगा।' आधिकारिक समाचार एजेंसी ताश ने पुतिन को उद्धृत करते हुए कहा, 'भारतीय समकक्ष (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने किसी भी चीज में तेजी लाने को नहीं कहा, क्योंकि सबकुछ ठीक चल रहा है।'

रूस के साथ 'एस-400' सौदे का अमेरिका विरोध कर रहा है और ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि वह रूस से हथियार और सैन्य सामग्री हासिल करने वाले राष्ट्रों पर पाबंदी लगाएगा। अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत को चेताया था कि अमेरिका के विरोधियों से निपटने के कानून (सीएएटीएसए) के तहत एस-400 सौदे को लेकर उस पर प्रतिबंध लग सकता है। यह कानून रूस, ईरान और उत्तर कोरिया से रक्षा खरीद पर रोक लगाता है।

भारत ने हालांकि अमेरिका को बता दिया था कि रूसी' एस-400 वायु रक्षा प्रक्षेपास्त्र प्रणाली' की खरीद को रद्द करने का उसका कोई इरादा नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जून में अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो को दिल्ली में बताया था कि दूसरे देशों से लेनदेन करते समय भारत अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखेगा।

एस-400 लंबी दूरी की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है, जो 2007 से रूस में सेवा में है। एस-400 400 किलोमीटर की दूरी और 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक लक्ष्य पर निशाना साध सकती है। अधिकारी ने कहा, 'अनुबंध के क्रियान्वयन की शर्तें सबको पता हैं। 2023 तक हर हाल में इस प्रणाली की भारत को आपूर्ति की जानी है।'